मध्य प्रदेश में फिर से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की शुरुआत हुई है. कोरोना महामारी के दो साल बाद सीहोर जिले के नसरुल्लागंज से खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की धर्मपत्नी साधना सिंह सहित तमाम मंत्री पहुंचकर इस योजना की शुरुआत की. एक तरह जहां मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से मध्यप्रदेश के गरीब वर्ग के परिवार को फायदा हो रहा है, तो वहीं कुछ जिलों के लोग इस योजना का दुरुपयोग भी कर रहे हैं.
योजना का दुरुपयोग कर रहे लोग
मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले से नया मामला सामने आया है, जहां मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ लेने के लिए 6000 से अधिक आवेदन आए. इसमें एक दर्जन से अधिक आवेदक शादीशुदा निकले, जो मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ लेने के लालच में फोटो लगवा कर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में बैठकर शादी रचाने का ढो़ंग कर रहे थे. हालांकि अफसरों की सूझबूझ से इस फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया. बता दें कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत पहले 25000 रुपये की नगद राशि मिलती थी, जिसे बढ़ाकर अब 51000 रुपया कर दिया गया है. इसी राशि को पाने के लिए कई लोग फर्जी तरीके से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में नाम जुड़वा कर शादी रचाने का ढोंग कर रहे थे.
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जांच में पकड़े गए
जब बड़वानी सीएमओ के द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के आवेदन की जांच की गई तो उसमें 25 आवेदक शादीशुदा जोड़े वाले निकले, जिसमें ज्यादा आवदेकों के एक या दो बच्चे भी हैं. इनका आवेदन निरस्त कर दिया गया. कुछ नाम जैसे अनिता, रेखा, शिवानी, अर्चना से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के लिए आवेदन आए थे, जिसे निरस्त कर दिया गया है. इन आवेदनों को निरस्त करने का कारण है कि इन सभी आवेदकों की शादी पहले हो चुकी है, किसी के एक या किसी के दो बच्चे भी हैं. बाकी आवेदनों की जांच चल रही है.