Sehore Kapil Parmar Bronze Medal: मध्य प्रदेश के सीहोर के लाल कपिल परमार ने पेरिस पैरालंपिक में कमाल कर दिखाया है. दृष्टिबाधित कपिल परमार ने जे1 60 किग्रा पुरुष पैरा जूडो स्पर्धा में भारत को जूडो में पहला पैरालंपिक पदक दिलाया. उन्होंने कांस्य जीता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने कपिल की सराहना करते हुए शुभकामनाएं दी हैं. 


परमार ने ब्राजील के एलिल्टोन डि ओलिवेरा के खिलाफ शुरू से ही दबदबा बनाकर रिकॉर्ड 10-0 की जीत से कांस्य पदक जीता. कपिल परमार की साल 2009-10 में करंट लगने से आंखों की रोशनी चली गई थी. कपिल 80 प्रतिशत ब्लाइंड हैं.


कैसे गई आंखों की रोशनी?


बचपन में परमार के साथ एक दुर्घटना हुई थी. जब वह अपने गांव के खेतों में खेल रहे थे और गलती से पानी के पंप को छू लिया जिससे उन्हें बिजली का जोरदार झटका लगा. बेहोश परमार को अस्पताल ले जाया गया और वह छह महीने तक कोमा में रहे. वह चार भाइयों और एक बहन में सबसे छोटे हैं. परमार के पिता टैक्सी चालक हैं जबकि उनकी बहन एक प्राथमिक विद्यालय चलाती है. इस असफलता के बावजूद परमार ने जूडो के प्रति अपने जुनून को कभी नहीं छोड़ा. 


उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में जूडो खेलना प्रारंभ किया. कपिल अब तक 17 अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. उन्होंने अब तक 8 स्वर्ण पदक सहित कुल 13 अंतर्राष्ट्रीय पदक अर्जित किये हैं.










कपिल का मुकाबला हुआ ब्राजील के खिलाड़ी से 
आज ही खेले गये ब्लाइंड जूडो पुरुष व्यक्तिगत 60 किलोग्राम जे.1 स्पर्धा के सेमीफाइनल मुकाबले में अकादमी के कपिल परमार और ईरान के खिलाड़ी सैयद बानीताबा खुर्रम के मध्य खेला गया. इसमें ईरान के खिलाड़ी बानीताबा ने कपिल को 1-0 के अंतर से पराजित किया. शाम को कपिल का मुकाबला ब्राजील के खिलाड़ी एलिल्टन डी ओलीवेरिया के मध्य कांस्य पदक के लिये खेला गया, जिसमें 10-0 से कपिल ने मुकाबला जीतकर कांस्य पदक हासिल किया.


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