Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने शिप्रा नदी में लगाई डुबकी, जानिए तर्पण और पिंडदान का महत्व
Kartik Purnima 2023: धार्मिक नगरी उज्जैन में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शिप्रा नदी में स्नान किया. इस दौरान तर्पण और पिंडदान का भी विशेष महत्व होता है.
Kartik Purnima: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मध्य प्रदेश की सभी पवित्र नदियों में श्रद्धालुओं का स्नान चल रहा है. शिप्रा नदी में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद पितरों का नियमित तर्पण और पिंडदान किया. कार्तिक पूर्णिमा पर तर्पण का विशेष महत्व बताया गया है. बारिश होने के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया.
उज्जैन के सिद्धवट घाट के पंडित राजेश त्रिवेदी ने बताया कि, श्राद्ध पक्ष के अलावा वैकुंठ चतुर्दशी और कार्तिक पूर्णिमा पर तर्पण और पिंडदान का विशेष महत्व है. ग्रामीण अंचल में रहने वाले लोग श्राद्ध पक्ष के दौरान फसल में व्यस्त रहते हैं, इसलिए वैकुंठ चतुर्दशी और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर वह तर्पण और पिंडदान करने के लिए आते हैं. कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र शिप्रा नदी में स्नान का महत्व उतना ही माना जाता है, जितना की सिंहस्थ महापर्व के दौरान स्नान का महत्व माना गया है. शास्त्रों में उल्लेखित है कि, वैकुंठ चतुर्दशी और कार्तिक पूर्णिमा पर तर्पण करने से पितरों को वैकुंठ में स्थान मिलता है. इसी प्रकार देवास के नेमावर घाट पर भी नर्मदा में स्नान करने वालों की भीड़ लगी हुई है. पवित्र नर्मदा नदी में भी स्नान का काफी महत्व है.
धार्मिक स्थलों पर लगी भीड़
ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डिब्बे वाला के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर उज्जैन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए हैं. ऐसी स्थिति में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर, सिद्धवट घाट, रामघाट, हरसिद्धि मंदिर, मंगलनाथ मंदिर, काल भैरव पर भी भक्तों का तांता लगा हुआ है. स्नान करने आने वालों में महिलाओं की संख्या भी काफी अधिक है. ऐसी मान्यता है कि, धार्मिक नगरी उज्जैन में पूजा-अर्चना और धार्मिक कार्य करने से दूसरे तीर्थ के स्थान पर तिल भर अधिक लाभ मिलता है.
मध्य प्रदेश के उज्जैन और इंदौर संभाग में लगातार हल्की बारिश हो रही है. बारिश के कारण मौसम में भी ठंडक ज्यादा है. पारा गिरने के बावजूद आस्था के सैलाब में कोई कमी देखने को नहीं मिली है. लोग बड़ी संख्या में धार्मिक स्थलों पर पहुंचे और उन्होंने दान धर्म किया.