MP News: कटनी डीएम अवि प्रसाद की जिद ने बिछड़े बच्चे को 6 महीने बाद परिवार से मिलवा दिया. 550 किलोमीटर दूर से आए पिता की आंखें जिगर के टुकड़े को पाकर नम हो गईं. बच्चे को परिवार से मिलाने में आधार कार्ड डाटा ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई. कलेक्टर अवि प्रसाद ने बताया, 'नए साल पर एक जनवरी 2023 को मैं कटनी के आसरा बाल गृह पहुंचा था.


बाल गृह में 8 बच्चों का एक साथ जन्मदिन मनाया जा रहा था. उन्होंने सभी बच्चों के साथ केक काटकर उन्हें उपहार दिया. कलेक्टर ने इमरान के सिर पर प्यार से हाथ फेरा. उसने कहा कि उसे अपने घर अम्मी-अब्बू के पास जाना है. कलेक्टर ने इमरान से कहा, "जल्दी तुम्हारे घर भेज देंगे, चिंता मत करो."


कटनी कलेक्टर की कड़ी मेहनत लाई रंग


डीएम ने बच्चे का दिल रखने के लिए आश्वासन तो दे दिया था, लेकिन इमरान के परिवार को खोजना आसान काम नहीं था. इमरान ठीक से बोल नहीं पाता था. बच्चा परिवार, शहर या जिले का पता भी नहीं बता पा रहा था. उसकी मानसिक दशा ठीक नहीं लग रही थी. कलेक्टर अवि प्रसाद ने ठान लिया था कि इमरान को परिवार से मिलाने का वादा पूरा करना है. इसलिए उसके परिवार तक पहुंचने के रास्ते खोजे जाने लगे. अनुमान लगाया गया कि बच्चे के घरवालों में से किसी का आधार कार्ड बना होगा. कलेक्टर अवि प्रसाद और ई-गवर्नेंस की टीम ने काफी मेहनत की.






6 महीने बाद परिवार से मिला बिछड़ा बच्चा


आधार कार्ड के डेटाबेस में करीब 500 फिंगर प्रिंट की एडवांस सर्च की गई. आखिरकार, इमरान के पिता और घर का पता चल गया. इमरान के पिता से संपर्क कर गुमशुदा बेटे की जानकारी दी गई. पिता जाकिर अली बहराइच जिले के पुलिस थाना रुपईडीहा क्षेत्र में रहते हैं. उत्तर प्रदश में इमरान की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज है.


बच्चे की खोज-खबर मिलते ही जाकिर अली 550 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले से लाडले को लेने कटनी दौड़े चले आए. जाकिर बेटे को पाकर बेहद खुश हुए और कहा कि उनके पास शुक्रिया कहने के लिए लफ्ज नहीं है. मासूम इमरान को गले लगाकर कलेक्टर अवि प्रसाद भी भावुक हो गए.




इमरान को लेकर पिता बहराइच रवाना 


6 महीने पहले इमरान खेलते वक्त घर से बाहर चला गया था. काफी खोजबीन के बावजूद इमरान का पता नहीं चला. परिजनों ने स्थानीय थाना में इमरान की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी. उन्होंने उम्मीद छोड़ दी थी कि अब कभी लाडला बेटा वापस  मिलेगा. जाकिर कहते हैं कि इमरान के कटनी में सूचना मिलने पर खुशी का ठिकाना नहीं रहा.


रमजान के महीने में अल्लाह ने फरियाद सुन ली. बेटे को लेने कटनी आए पिता ने कलेक्टर अवि प्रसाद की ई-गवर्नेंस टीम का भी शुक्रिया किया. कागजी खानापूर्ति के बाद जाकिर बेटे इमरान को लेकर बहराइच रवाना हो गए. 


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