Katni Social Media Order: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कटनी (Katni) जिले में सोशल मीडिया (Social Media) में साम्प्रदायिक और धार्मिक विद्वेष फैलाने वाले पोस्ट करना प्रतिबंधित किया गया है. कटनी के कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने शुक्रवार को यह आदेश जारी किया है. आदेश का उल्लंघन करने की दशा में संबंधित के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188, आई.टी.एक्ट 2000 के विभिन्न नियमों और अन्य अधिनियमों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी.


मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2022-23 के लिये निर्वाचन का कार्यक्रम जारी किए जाने के फलस्वरूप यह निर्देश दिया गया है. कटनी जिले में 16 जुलाई तक आदर्श आचरण संहिता लागू होने के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर व जिला मजिस्ट्रेट कटनी प्रियंक मिश्रा ने आगामी त्यौहारों को दृष्टिगत रखते हुये कुछ असामाजिक और शरारती तत्वों द्वारा इंटरनेट व सोशल मीडिया के प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सऐप, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम इत्यादि के माध्यम का दुरूपयोग कर साम्प्रदायिक, धार्मिक तथा जातिगत विद्वेष पहुंचाने से दुर्भावना पूर्ण पोस्ट करने की सूचनाएं प्राप्त होने की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए, इस तरह के सोशल मीडिया संदेशों को पूर्णतः प्रतिबंधित करने संबंधी प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है.


इस तरह की सामग्री पोस्ट करने पर रोक


जारी आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मो जैसे  फेसबुक, व्हाट्सऐप, ट्विटर, हाइक, एसएमएस, इन्स्टाग्राम इत्यादि का दुरूपयोग कर धार्मिक और सामाजिक जातिगत भावनाओं एवं विद्वेष को भड़काने के लिये किसी भी प्रकार के संदेशों का प्रसार नहीं करेगा. कोई भी व्यक्ति उल्लेखित सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म में किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक एवं उन्माद फैलाने वाले संदेश, फोटो, ऑडियो, वीडियो इत्यादि भी सम्मिलित हैं, जिसमें धार्मिक सामाजिक जातिगत आदि भावनाएं भड़क सकती हैं अथवा साम्प्रदायिक विद्वेष पैदा होता हो, को ना ही पोस्ट लिखेगा न ही भेजेगा.


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इस तरह के संदेशों पर रोक


सोशल मीडिया के किसी भी पोस्ट जिसमें धार्मिक साम्प्रदायिक एवं जातिगत भावना भड़काती हो को कमेंट, लाइक, शेयर या फॉरवर्ड नहीं करेगा. ग्रुप एडमिन की यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वह ग्रुप में इस प्रकार के संदेशों को रोके. कोई भी व्यक्ति सामुदायिक, धार्मिक, जातिगत विद्वेष फैलाने या लोगों अथवा समुदाय के मध्य घृणा, वैमनस्यता पैदा करने या दुष्प्रेरित करने या उकसाने या हिंसा हेतु फैलाने का प्रयास उपरोक्त माध्यमों से नहीं करेगा और न ही इसके लिये प्रेरित करेगा. कोई भी व्यक्ति अफवाह या तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर भड़काने, उन्माद उत्पन्न करने वाले संदेश जिससे लोग या समुदाय विशेष हिंसा या गैर कानूनी गतिविधियों में संलग्न हो जाये, सोशल मीडिया में प्रसारित नही करेगा और न ही लाइक, शेयर या फॉरवर्ड करेगा और न ही ऐसा करने के लिये किसी को प्रेरित करेगा.


फर्जी प्रोफाइल बनाना भी दंडनीय अपराध


आदेश में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति या समुदाय ऐसे संदेशों को प्रसारित नहीं करेगा जिनसे किसी व्यक्ति, संगठन, समुदाय आदि को एक स्थान पर एक राय होकर जमा होने उनसे या कोई विशेष कार्य या गैर कानूनी गतिविधियों करने हेतु आह्वान किया गया हो, जिससे कानून एवं शांति व्यवस्था भंग होने की प्रबल संभावना हो. सोशल मीडिया पर किसी का फर्जी प्रोफाइल बनाना या उसे प्रसारित करना दण्डनीय अपराध है.


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