Khandwa News: खंडवा में हिंदू-मुस्लिम आस्था का प्रतीक दरगाह जमींदोज, इस वजह से लिया गया फैसला
स्थानीय पंचायत में सर्वसम्मति से दरगाह को नहीं हटाए जाने का प्रस्ताव पास हुआ था. आरोप है कि अंधेरे में रखकर कार्रवाई को अंजाम दिया गया. सुबह अचानक दरगाह हटाने के लिए भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया.
खंडवा (Khandwa) में सैकड़ों साल पुरानी दरगाह (Dargah) मेहबूब सैलानी को जमींदोज कर दिया गया. प्रशासन का तर्क है कि दरगाह हाईवे (Fourlane Highway) के रास्ते में बाधा बन रही थी. बता दें कि इंदौर इच्छापुर हाईवे (Indore-Ichhapur Highway) का काम तेजी से चल रहा है. बुलडोजर चलाने से पहले दरगाह कमेटी को कई बार नोटिस दिया गया था. प्रशासन के मुताबिक नोटिस पर कार्रवाई नहीं होने से आज सुबह बुलडोजर (Bulldozer) चलाकर मेहबूब सैलानी दरगाह को जमींदोज कर दिया गया. मेहबूब सैलानी दरगाह सैकड़ों साल से हिंदू मुस्लिम आस्था का प्रतीक थी. दरगाह हटाए जाने के खिलाफ लंबे समय से विरोध प्रदर्शन हो रहा था. दरगाह के खादिम लतीफ शाह ने बताया कि सुबह 5:30 बजे बाहर गए हुए थे.
हिंदू मुस्लिम आस्था का प्रतीक दरगाह जमींदोज
मौके पर पहुंचा प्रशासनिक अमला दरगाह पर सो रहे लोगों को उठाकर साथ थाने ले गया. रास्ते को चारों ओर से बंद कर किसी को भी दरगाह के पास जाने की इजाजत नहीं दी. प्रशासन ने दरगाह को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया. दरगाह का मलबा करीब के एक खेत में रखा गया है. उन्होंने कहा कि दरगाह से सभी की आस्था जुड़ी हुई थी. हमने कोशिश की कि प्रशासन दरगाह के बगल से या ऊपर पुलिया बनाकर हाईवे का रास्ता निकाल ले. लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई और आखिरकार दरगाह को बुलडोजर से ढहा दिया गया.
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— Shaikh Shakeel (@ShakeelABP) August 28, 2022
दरगाह हटाए जाने के बारे में अधिकारी खामोश
पूरी कार्रवाई पर प्रशासनिक अमले ने चुप्पी साध रखी है. दरगाह हटाए जाने के बारे में अधिकारियों ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है. भारी पुलिस बल की मौजूदगी में दरगाह को बुलडोजर से जमींदोज करने की कार्रवाई की गई. मुस्लिम समाज ने प्रशासन की कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की है. सलीम पटेल ने बताया कि मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल से स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की चर्चा चल रही थी. आश्वासन दिया गया था कि अंतिम निर्णय सभी के साथ बैठ कर लिया जाएगा.
पंचायत में नहीं हटाने का प्रस्ताव हुआ था पास
स्थानीय पंचायत में सर्वसम्मति से दरगाह को नहीं हटाए जाने का प्रस्ताव पास हुआ था. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (National Highways Authority of India) के लोगों से भी बात करने की कोशिश की थी. सभी ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर निर्णय लेने की बात कही थी. आरोप है कि अंधेरे में रखकर कार्रवाई को अंजाम दिया गया. सुबह 5:30 बजे अचानक दरगाह को हटाने के लिए भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया. मुस्लिम समाज का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को एक बार फिर जिला प्रशासन से मुलाकात करेगा.