खंडवा जिला प्रशासन का 9 प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ एक्शन, फीस बढ़ाने को लेकर लगा एक-एक लाख का जुर्माना
Khandwa News: खंडवा में नौ निजी स्कूलों में नियम के खिलाफ 10% से अधिक की फीस बढ़ोतरी पाई गई थी, जिसको लेकर जिला प्रशासन ने जांच की और अब इन स्कूलों एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश से खंडवा में मनमाने तरीके से फीस बढ़ाए जाने के मामले में नौ प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है. प्रशासन ने जांच के बाद खंडवा के नौ प्राइवेट स्कूलों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि 10 फीसदी से ज्यादा बढ़ी हुई फीस पैरेंट्स को वापस लौटाएं. मंगलवार (6 अगस्त) की देर रात जिला प्रशासन ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं.
खंडवा में सभी स्कूलों से फीस संबंधी जानकारी मांगी गई थी, जिसमें से अधिकतम स्कूलों ने अपनी जानकारी जिला प्रशासन को दे भी दी थी. हालांकि, कुछ निजी स्कूल इसको लेकर लापरवाही बरत रहे थे. इसके बाद जिला प्रशासन ने एक टीम बनाकर फीस बढ़ोतरी की जांच की. जांच समिति ने नौ स्कूलों में 10 फीसदी से अधिक फीस बढ़ोतरी पाई.
इसके बाद जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन पर संबंधित स्कूलों को शोकॉज भी जारी किया गया, लेकिन उनकी तरफ से जवाब संतोषप्रद नहीं मिलने पर यह एक्शन लिया गया. जिला प्रशासन ने जिन निजी स्कूलों पर कार्रवाई की है, उनमें पैरामाउंट पब्लिक स्कूल कालमुखी, संत लक्ष्मण चैतन्य एकेडमी नाहल्दा, जनता हाईस्कूल खंडवा, हॉली स्पिरिट कॉन्वेंट स्कूल खंडवा, सेंट जोसफ स्कूल खंडवा शामिल है.
संतोषप्रद जवाब न मिलने पर हुई कार्रवाई
इसके अलावा सुंदरबाई गुप्ता स्कूल खंडवा, गायत्री विद्या मंदिर बमनगांव अखई, सोफिया कॉन्वेंट स्कूल खंडवा और सेंट जोसफ स्कूल कोटवाड़ा शामिल है. इस संबंध में खंडवा के जिला शिक्षा अधिकारी पीएस सोलंकी ने बताया कि इन सभी निजी स्कूलों से फीस बढ़ोतरी की जानकारी मांगी गई थी. वहीं जानकारी में इन नौ निजी स्कूलों में नियम के खिलाफ 10% से अधिक की फीस बढ़ोतरी पाई गई थी, जिसको लेकर जिला प्रशासन ने एक जांच समिति का गठन किया था.
जांच समिति ने अपनी जांच में पाया कि इन नौ स्कूलों में नियम के खिलाफ ज्दाया फीस बढ़ोतरी की गई है. जिसके बाद इन सभी स्कूलों को नोटिस जारी किए गए थे. यही नहीं जांच के बाद निजी स्कूलों से उनका जवाब भी मांगा गया था, लेकिन उनके द्वारा दिए गए जवाब से जांच समिति के संतुष्ट न होने पर उनके खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की गई है.