MP News: अवैध मदरसों को लेकर शिवराज सरकार की मंत्री उषा ठाकुर का बड़ा बयान, दिये ये संकेत
Khandwa: मंत्री ने कहा, बच्चे राष्ट्र की धरोहर होते हैं. उनकी रक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है. हमें डर लगा कि कहीं ये मानव तस्करी का मामला तो नहीं है.
Madhya Pradesh News: उत्तर प्रदेश और असम में मदरसों पर हुई कार्रवाई के बाद मध्य प्रदेश में भी प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने अब जल्द ही अवैध मदरसों (Illegal Madrasas) पर कार्रवाई किये जाने के संकेत दिए हैं. मंत्री उषा ठाकुर ने कहा है राज्य में अवैध रूप से चल रहे मदरसों की जांच होनी चाहिए. ऐसा हर मदरसा बंद होना चाहिए जिसने शिक्षा अधिकारी से अनुशंसा नहीं कराई हैं. मंत्री उषा ठाकुर (Minister Usha Thakur) ने यह बात खंडवा (Khandwa) में एक आयोजन के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही.
ऐसे मदरसों की जांच होना चाहिए-मंत्री
मध्य प्रदेश की शिवराज (Shivraj Singh Chauhan) सरकार में पर्यटन, अध्यात्म और संस्कृति मंत्री और बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उषा ठाकुर ने एक बार फिर मदरसों को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि ऐसे सभी मदरसों की जांच होना चाहिए जिन्हें मदरसा बोर्ड की अनुमति नहीं है और जिन मदरसों ने जिला शिक्षा अधिकारियों से अनुशंसा नहीं कराई है ऐसा हर मदरसा बंद होना चाहिए क्योंकि ये अवैध मदरसे किस प्रकार का काम करेगें इसकी जिम्मेदारी कोई नहीं ले सकता है.
और क्या कहा मंत्री ने
मंत्री ने कहा, हमारे बाल आयोग के कुछ लोगों द्वारा निरीक्षण किया गया जिसमें देखा गया कि अवैध मदरसे में 30 से 40 छोटे-छोटे बच्चे कैद हैं. बच्चों को रहने के लिए स्वच्छ वातावरण नहीं है, खाने पीने की व्यवस्था नहीं है जबकि बच्चे राष्ट्र की धरोहर होते हैं. उनकी रक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है. हमें डर लगा कि कहीं ये मानव तस्करी का मामला तो नहीं है.
असम का मामला
गौरतलब है कि असम के मोरीगांव में एक मदरसे को गुरुवार को बुलडोजर से गिरा दिया गया. इस मदरसा के संचालक को कथित बांग्लादेशी आतंकवादी संगठन अंसारुल इस्लाम से संबंध होने के आरोप में अरेस्ट किया गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने बताया कि इस साल मार्च से असम में पांच आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है. इसमें मोरीगांव मॉड्यूल का खुलासा हुआ था. इस कार्रवाई में मुस्तफा सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने कहा कि मदरसे को आपदा प्रबंधन अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत ध्वस्त कर दिया गया. इसे स्थानीय पंचायत या जिला प्रशासन से कोई अनुमति नहीं थी.
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