Madhya Pradesh News: जिंदगी में कुछ करने की ललक और हिम्मत हो तो किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है. ये बात आज तक हमने सुनी थी लेकिन अपनी जिंदगी में इन पंक्तियों को भली-भांति 25 वर्षीय आयुष ने चरितार्थ किया है. आयुष बचपन से ही दिव्यांग हैं लेकिन उसके बावजूद उनके द्वारा बनाये गए चित्र अपने-आप में अद्भुत  हैं. चित्रकला के शौकीन 25 वर्षीय आयुष खरगोन (Khargone) जिले के बड़वाह के रहने वाले हैं. दिव्यांग होने के कारण वे ना तो वो ठीक से बोल पाते हैं और ना ही अपने हाथों से खाना खा पाते हैं. 


पैरों से बनाते हैं पेंटिंग
एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए उन्हें व्हील चेयर का सहारा लेना पड़ता है. इसके बावजूद उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी. चित्रकला के शौकीन आयुष की पेंटिंग का हर कोई दीवाना है जिन्हें वे अपने पैरो से बनाते हैं. पेंटिंग की सुंदरता और उनकी कलाकारी का नायाब नमूना देखकर हर कोई पल भर के लिए तो अचंभित होकर रह जाता है.


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देखते ही रह गए लोग
आयुष के द्वारा अभी तक सैकड़ों पेंटिंग बनाई जा चुकी हैं. उनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग की प्रदर्शनी इंदौर के प्रीतमलाल दुआ सभा गृह में लगाई गईं थीं. इस दौरान शहर के सैकड़ों लोग प्रदर्शनी में लगाई गई पेंटिंग्स को देखने के लिए पहुंचे थे और जिसने भी इन पेंटिंग्स को देखा वो बस उन्हें देखता ही रह गया क्योंकि पेंटिंग्स में जहां प्रकृति के सुंदरता को निखारा गया था तो वहीं कई पेंटिंग में देवी-देवताओं के अद्भुत चित्र अपने आप में खास नजर आ रहे थे. देश सेवा से जुड़ी यादें और हमारे देश भक्त महानायकों के चित्र अपने आप में अद्भुत थे. पेंटिग्स को देखकर कोई ये नहीं कह सकता की ये किसी दिव्यांग युवक द्वारा बनाए गए चित्र हैं.




माता ने क्या बताया
आयुष के बारे में उनकी माता सरोज कुंडल ने बताया कि, आयुष पिछले आठ सालों से पेंटिंग बना रहे हैं. उन्होंने कक्षा 8 तक की पढ़ाई की है. दिव्यांग स्कूल में जाने के दौरान वहां के बच्चों को देखकर उन्होंने भी पेंटिंग बनाने की इच्छा जाहिर की थी तभी से वे पेंटिंग बना रहे हैं. उनकी उम्र अभी 25 साल है और उनकी अद्भुत चित्रकला को देखकर हमें बहुत खुशी मिलती हैं. अपने बच्चे के दिव्यांग होने से कहीं ना कहीं हमे दुख तो होता था लेकिन आज हमें उनपर गर्व महसूस होता है क्योंकि आज हमारे बच्चे की वजह से हमे पहचाना जाता है. हर एक मां-बाप का यही सपना होता है कि उन्हें उनके बच्चे के नाम से एक दिन लोग जरूर पहचानें.




देखने वाले ने क्या कहा
वहीं पेंटिंग देखने आए विकास शर्मा ने बताया कि, यूं तो अक्सर वहां चित्रकला प्रदर्शनी देखने जाते हैं लेकिन यह एक खास प्रदर्शनी इसलिए है क्योंकि यहां एक दिव्यांग बालक आयुष द्वारा अपने पैरों से चित्रकारी की गई है. यह हमारा सौभाग्य है कि हमें यह प्रदर्शनी देखने को मिली है.




मुरीद हैं ये बड़ी हस्तियां
वहीं चित्रकाला में माहिर आयुष चित्रकारी के अलावा अपने पैरो से ही मोबाइल को ऑपरेट करते हैं, साथ ही वे सोशल मीडिया में भी काफी एक्टिव रहते हैं. ट्वीटर, फेसबुक, व्हाट्सएप कई प्लेटफार्म में आयुष के अकाउंट हैं और वे प्रतिदिन अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते रहते हैं. यही कारण है कि आयुष की इस चिकत्रकला के मुरीद देश के महानायक अमिताभ बच्चन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मोरारी बापू भी हैं. इन सभी से आयुष अभी तक मुलाकात कर चुके हैं और उपहार स्वरूप सभी को आरुष ने अपनी बनाई गई पेंटिंग भेंट की है.


गौरतलब है कि सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष के इस प्रतिभा की प्रशंसा तो की ही है लेकिन जो भी आयुष के इस हुनर को देखता है वह आयुष के जज्बे का सलाम करने से खुद को नहीं रोक पाता है.


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