(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Khargone News: स्कूल का मकान जर्जर, पेड़ के नीचे पढ़ाने को मजबूर हुए आदिवासी बच्चे, DM ने कही ये बात
MP News: खरगोन जिले के भिकनगांव विकासखंड की ग्राम पंचायत निमोनी के बिजासनी चौकी फालिया के सरकारी स्कूल का मकान जर्जर होने से आदिवासी छात्र-छात्राओं को पेड़ के नीचे पढ़ाया जा रहा है.
Government School: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आदिवासियों के विकास उत्थान और उनको सम्मान देने के लिए विशेष रूप से आगे आ रहे हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनीतिक पार्टी के नेताओं ने राष्ट्रपति पद पर द्रौपदी मुर्मू को विराजित करने के बाद आदिवासी हित और सम्मान के लिए एक सराहनीय कदम बढ़ाया है. हलांकि आज भी प्रदेश में आदिवासी समाज की हालत शिक्षा के क्षेत्र में काफी बिगड़ी है. उसका सीधा उदाहरण खरगोन (Khargone) जिले के भिकनगांव विकासखंड की ग्राम पंचायत निमोनी के बिजासनी चौकी फालिया का सरकारी स्कूल. जहां जर्जर हालत के चलते आदिवासी छात्र-छात्राओं को शिक्षा के लिए पेड़ के नीचे पढ़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
पेड़ के नीचे पढ़ाया जा रहा बच्चों को
ग्रामीण सुरेश मुजाल्दे के अनुसार गांव का स्कूल भवन पुराना और जर्जर होने से बरसात में स्कूल के छत से पानी गिरने के कारण भवन में बड़ी दरारें तक पड़ चुकी है. इस वजह से भवन गिरने का भय बना रहता है. भवन नहीं होने के कारण बच्चों को पेड़ के नीचे स्कूल टाट-पट्टी पर पढ़ाना पड़ता है. जबकि ग्रामीणों ने शासन से नए स्कूल भवन बनाने की मांग करने की. उन्होंने कहा कि आदिवासी बच्चों को अच्छी शिक्षा और उन्नति के साथ विकास के लिए शासन-प्रशासन को आदिवासी क्षेत्रों में स्कूल शिक्षा पर कार्य योजना के रूप में सार्थक पहल करनी चाहिए. जिससे गरीब तबके के आदिवासी छात्र-छात्राओं के भविष्य को सुधारा जा सके. जबकि क्षेत्रों में शिक्षा के लिए भवनों की जर्जर हालत में आसपास के स्कूलों में बच्चों को शिक्षा के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि स्कूल भवन बहुत पुराने होन से बच्चों को पढ़ाने के लिए अन्य गांव भेजना पड़ता है. उन्होंने जल्द से जल्द भवन बनना की मांग की.
जिला कलेक्टर को अवगत कराया गया
इधर शिक्षिका जयश्री का कहना है कि स्कूल भवन अति क्षतिग्रस्त होने से बच्चों को बाहर बिठाकर पढ़ाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि बरसात को देखते हुए गांव वालों ने सुझाव दिया है कि अंदर स्कूल में बिठाकर नहीं पढ़ाया जाए लेकिन अभी कंडिशन ऐसी नहीं है. शिक्षिक आगे कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को स्थति से अवगत करा दिया गया है.
वहीं जिला परियोजना के समन्वयक के केंडोंगरे के अनुसार स्कूलों की जांच की जा रही है. अगर ऐसा कोई स्कूल भवन होगा तो अन्य भवनों में बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने इस मामले को लेकर कलेक्टर को अवगत कराने बात की. उनके अनुसार उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला अभी नहीं आया है.
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