Khelo India Youth Games 2022: ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) बनने का सपना देखने वाली महाराष्ट्र की वेटलिफ्टर आकांक्षा व्यवहारे (Maharashtra weightlifter Akanksha) के लिए खेलो इंडिया यूथ गेम्स में डेब्यू काफी संघर्षपूर्ण और दर्द भरा रहा. आकांक्षा बेशक 45 किलोग्राम कैटेगरी में चैंपियन बनकर उभरीं, लेकिन रजत जीतने वाली अस्मीता धोने से उन्हें कड़ी टक्कर मिली. क्लीन एंड जर्क में अस्मिता ने आकांक्षा के 80 किग्रा की तुलना में 82 किग्रा वजन उठाकर इस उभरती एथलीट को यह संकेत दिया कि नया वेट केटेगरी उनके लिए फूलों की सेज नहीं है.
14 साल की आकांक्षा ने कुल 147 किग्रा वजन उठाया. यह अस्मिता (143) से मात्र चार किलो ज्यादा था. स्नैच में आकांक्षा ने 67 किग्रा और क्लीन एवं जर्क में 80 किग्रा वजन उठाया. कुल वजन के मामले में आकांक्षा ने यूथ नेशनल रिकार्ड बनाया, लेकिन स्नैच में 61 किग्रा और क्लीन एंड जर्क 82 किग्रा उठाने वाली अस्मिता तीसरे स्थान पर रहीं. उत्तर प्रदेश की अंजली पटेल ने कुल 142 किग्रा (स्नैच 63 किग्रा, क्लीन एवं जर्क 79 किग्रा) वजन उठाकर आकांक्षा को यह सोचने पर मजबूर किया कि आने वाले समय में उन्हें बतौर टॉप एथलीट अपनी प्रतिभा साबित करने के लिए और अधिक मेहनत करने की जरूरत है.
क्या कहा आकांक्षा ने
आकांक्षा के अनुसार मुकाबला टफ था. मैंने जितना सोचा था उसके कहीं अधिक था. हालांकि मैंने अपना परफार्मेंस बेहतर किया है, लेकिन मैं इसे और कैसे बेहतर कर सकती हूं इस पर नए सिरे से विचार करूंगी. नए वेट कैटेगरी में मेरा यह नागरकोइल नेशनल्स के बाद केवल दूसरा टूर्नामेंट था. अब मैं पटियाला कैंप के लिए जा रही हूं और अपनी गलतियों पर सुधार करूंगी. मैंने महसूस किया कि मैं इससे बेहतर कर सकती थी, लेकिन कुछ कारणों से मैं चूक गई.
चोट की वजह से था दर्ज
नागरकोइल में आकांक्षा ने 65 और 79 लिफ्ट किया था. खेलो इंडिया यूथ गेम्स में आकांक्षा ने इससे बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन क्लीन एंड जर्क में लास्ट लिफ्ट गिरने के कारण वह इसमें पीछे रह गईं. इसके पीछे के कारणों के बारे में पूछे जाने पर आकांक्षा ने कहा क्लीन एंड जर्क में मेरी लास्ट लिफ्ट गिर गई थी नहीं तो मेरा स्कोर और अधिक हो सकता था. आकांक्षा का यह भी कहना है कि पहले लिफ्ट से ही वह एल्बो में दर्द महसूस कर रही थीं. यह दर्द मेक्सिको में बीते साल हुए इंटरनेशनल इवेंट के दौरान लगी चोट का नतीजा था. इस कारण भी उनका परफॉर्मेंस मनमाफिक नहीं रहा.
आकांक्षा यह भी कहना है की पहले जर्क के दौरान मुझे दर्द हुआ था, क्योंकि मेरा जर्क असंतुलित हो गया था. पहले लिफ्ट से ही दर्द हो रहा था, लेकिन फिर भी मैं अड़ी रही. अंतिम क्लीन एंड जर्क लिफ्ट में थोड़ी जल्दबाजी कर बैठी और इस कारण मेरा लिफ्ट खराब हो गया. अगर वह अच्छा लिफ्ट रहता तो मैं क्लीन एंड जर्क में भी अच्छा परफॉर्म कर सकती थी.
व्यवस्था से खुश नजर आईं
बता दें कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए इंदौर के बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स में की गई व्यवस्था से आकांक्षा काफी खुश नजर आईं. इसे लेकर आकांक्षा ने कहा कि प्लेटफार्म बहुत बड़ा था. स्टेज भी काफी बड़ा था. मुझे सबकुछ नेशनल और इंटरनेशनल स्तर का लग रहा था और फिर फाइट भी बहुत था. शुरुआत में मैं अपने गेम को एन्जॉय कर रही थी. मेडल मेरे दिमाग में नहीं था, लेकिन जब गेम आगे बढ़ा तो मेरा भी हौसला बढ़ा और मैंने मेडल के बारे में सोचना शुरू कर दिया. स्टेडियम में मौजूद दर्शकों से भी मुझे काफी जोश और सहयोग मिला, जिससे मेरा हौसला और बढ़ गया.