Kota Railway Station: स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की रेलवे की पहल, अब स्टेशन पर बिकेगी कोटा डोरिया साड़ी और सूट
Kota News: कोटा में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए रेलवे ने एक पहल की है. कोटा रेलवे स्टेशन पर स्थानीय कोटा डोरिया साड़ी और सूट का विक्रय किया जाएगा. इसको लेकर यहां स्टॉल लगाए जा रहे हैं.
Indian Railway: इंडियन रेलवे ने स्थानीय कारीगरों को बढ़ावा देने के लिए अभिनव पहल शुरू की है. इसी कड़ी में राजस्थान के कोटा रेलवे स्टेशन पर स्थानीय कोटा डोरिया साड़ी का विक्रय किया जाएगा. फिलहाल प्रायोगिक तौर पर कोटा डोरिया साड़ी का स्टॉल यहां लगाया जा रहा है.
सीपीआरओ राहुल जयपुरिया ने कही ये बात
पश्चिम मध्य रेल के सीपीआरओ राहुल जयपुरिया के मुताबिक कोटा जंक्शन स्टेशन पर "एक स्टेशन एक उत्पाद" योजना के तहत प्रायोगिक तौर पर कोटा डोरिया साड़ी और सूट का स्टॉल लगेगा. इस वर्ष के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने "एक स्टेशन एक उत्पाद" योजना की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री और रेल मंत्री की पहल पर प्रायोगिक तौर पर पश्चिम मध्य रेल के कोटा रेलवे स्टेशन पर "एक स्टेशन एक उत्पाद" योजना की शुरुआत की जा रही है. प्रायोगिक तौर पर भारतीय रेलवे में एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के अंतर्गत 16 जोनों में चुनिंदा 19 रेलवे स्टेशनों को चिन्हित किया गया है. इसमें पश्चिम मध्य रेल से कोटा रेलवे स्टेशन को शामिल किया गया है.
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एक स्टेशन एक उत्पाद योजना का शुभारंभ
स्थानीय उत्पाद और व्यापार को प्रोत्साहन देने के क्रम में पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा जंक्शन रेलवे स्टेशन पर एक स्टेशन एक उत्पाद योजना का शुभारंभ किया जा रहा है. इसके तहत कोटा डोरिया साड़ी और सूट के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाने की योजना तैयार की जा रही है. यह योजना 25 मार्च 2022 से 15 दिनों के लिए होगी. इस योजना के तहत 1000 रुपये के भुगतान पर 15 दिनों के लिए कोटा जंक्शन रेलवे स्टेशन पर स्थान का आवंटन किया जाएगा. स्टॉल के लिए स्थान का चयन आने-जाने वाले यात्रियों की सुविधानुसार रहेगा जहां पर यात्री आसानी से पहुंच सके.
स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने का उद्देश्य
इसका उद्देश्य रेलवे परिसर का उपयोग कर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है और कोटा डोरिया साड़ी को दुनिया तक पहुंचाना है. यह इस व्यवसाय से जुड़े उद्यमों के लिए बेहतर अवसर विकसित करने में मदद करेगा और रेल यात्रियों के लिए भी स्थानीय उत्पाद उपलब्ध कराएगा. इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूह, गैर संस्कारी संस्था और कॉपरेटिव समूह जो कोटा डोरिया साड़ी बनाने का कार्य करते हैं उनसे आवेदन मांगे जा रहे हैं. इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए रेलवे स्टेशन पर चिन्हित स्थान पर इंफ्रास्ट्रक्चर आदि रेल प्रशासन द्वारा मुहैया कराया जाएगा.
कोटा डोरिया साड़ी की क्या है विशेषताएं
1. कोटा डोरिया छोटे बुने हुए वर्गों (खाट) से बने हल्के बुने हुए कपड़े का नाम है जो राजस्थान में कोटा में कैथून और आसपास के कुछ गांवों में पारंपरिक पिट करघे पर हाथ से बुना हुआ है.
2. कोटा डोरिया साड़ी शुद्ध कपास और रेशम से बनी होती है और उन पर वर्गाकार पैटर्न होते हैं जिन्हें खाट के नाम से जाना जाता है.
3. कोटा साड़ी की चेकर्ड बुनाई बहुत लोकप्रिय है. वह बहुत महीन बुनाई होती है और उनका वजन बहुत कम होता है.
4. यह पारंपरिक पाग (पगड़ी) बनाने के लिए उपयुक्त है. यह एक विरासत का हिस्सा भी है जिसे संजोया जाना है.
इस प्रयोग के बाद यात्रियों से फीडबैक लिया जाएगा और जिसके आधार पर "एक स्टेशन एक उत्पाद" योजना को पॉलिसी का रूप दिया जाएगा.
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