Rudraksh Mahotsav 2023: अव्यवस्थित रुद्राक्ष महोत्सव और शिवमहापुराण कथा के सात दिवसीय आयोजन के बाद देशभर में सीहोर के पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Preadeep Mishra) की चर्चा हो रही है. वहीं सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) और पूर्व सीएम कमलनाथ (Ex CM Kamal Nath) को पंडित मिश्रा से आशीर्वाद नहीं मिला या फिर इन नेताओं ने इस आयोजन से खुद दूरी बनाई.
दरअसल, चुनावी साल होने के बाद भी ये दोनों जनप्रतिनिधि 16 फरवरी से 22 फरवरी तक सीहोर में चले रुद्राक्ष महोत्सव में नहीं आए. जबकि ये दोनों जनप्रतिनिधी पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) से आशीर्वाद लेने छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) पहुंचे थे. जानकारों का कहना है कि अव्यवस्थित कार्यक्रम की वजह से पंडित प्रदीप मिश्र की हो रही आलोचनाओं को देखते हुए इन दोनों नेताओं ने कार्यक्रम से दूरी बनाई. इस कार्यक्रम में अबतक आठ लोगों की मौत होने की खबर है.
रुद्राक्ष वितरण समारोह में कितने श्रद्धालु आए
राजधानी भोपाल के नजदीकी सीहोर जिले के चितावलिया हेमा गांव में पंडित प्रदीप मिश्रा ने 16 से 22 फरवरी तक रुद्राक्ष वितरण महोत्सव व शिवमहापुराण कथा का आयोजन किया था.यह आयोजन पहले ही दिन से अव्यवस्थाओं की चपेट में आ गया.पंडित मिश्रा के आमंत्रण पर लाखों की तादाद में श्रद्धालु कुबेश्वर धाम आश्रम आ पहुंचे.वहां श्रद्धालुओं को न तो पीने का पानी नसीब हुआ और न खाने को खाना मिला. कुबेश्वर धाम पर पर्याप्त छांव के इंतजाम भी नहीं थे.अव्यवस्थाओं के कारण पंडित प्रदीप मिश्रा का यह आयोजन देश भर में चर्चाओं का केंद्र बना रहा.
रुद्राक्ष वितरण महोत्सव के पहले दिन 16 फरवरी को 20 लाख से अधिक श्रद्धालु आ गए थे. इस वजह से इंदौर-भोपाल फोरलेन हाईवे पर जाम लगा रहा. चंद किलोमीटर चलने के लिए वाहन चालकों को घंटों कतार में रहना पड़ा.इन अव्यवस्थाओं की वजह से यह आयोजन चर्चाओं में आ गया.इन्हीं अव्यवस्थाओं की वजह से प्रदेश के बड़े नेताओं ने आयोजन से दूरी बना ली.मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 16 फरवरी को आयोजन में आ रहे थे,सभी तैयारियां हो गई थीं,लेकिन अचानक सीएम ने अपना दौरा कैंसिल कर दिया.इसी तरह चर्चा थी कि पीसीसी कमलनाथ भी 18 फरवरी को सीहोर आने वाले हैं, लेकिन वो भी नहीं आए.ये दोनों नेता छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम पहुंचे थे.पंडित प्रदीप मिश्रा से प्रदेश के इन दो प्रमुख नेताओं की दूरी अब चर्चा का विषय बनी हुई है.
अब तक कितने लोगों की हुई है मौत
कुबेश्वर धाम पर आए श्रद्धालुओं को भारी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा.कुबेश्वर धाम पर पर्याप्त छांव के इंतजाम नहीं होने की वजह से कडक़ड़ाती धूप में लोग कथा सुनने के लिए मजबूर थे. इन अव्यवस्थाओं की वजह से लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा. सात दिवसीय आयोजन में अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं दो महिलाओं की मौत आयोजन से जाते समय सड़क हादसे में हुई. इस तरह अबतक आठ लोगों की मौत हो चुकी है.
ये भी पढ़ें