Rudraksh Mahotsav 2023: मध्य प्रदेश के सीहोर जिला मुख्यालय के नजदीकी ग्राम चितावलिया हेमा में सात दिन के रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन किया गया था, जिसका बुधवार को समापन हुआ. कुबेरेश्वर धाम में भारी अव्यवस्थाओं की वजह से रुद्राक्ष महोत्सव आठ लोगों के लिए 'काल' बन गया. सात दिवसीय आयोजन में दो पुलिसकर्मियों सहित 8 लोगों की मौत हो गई है. जानकारी के अनुसार, ज्यादातर मौतें हार्टअटैक की वजह से हुई हैं.


बता दें, सीहोर जिला मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर चितावलिया हेमा गांव में 16 फरवरी से सात दिवसीय रुद्राक्ष वितरण व शिवमहापुराण कथा का आयोजन किया गया. बुधवार को कथा का समापन हुआ. पंडित प्रदीप मिश्रा ने देशभर में श्रद्धालुओं को सीहोर आने का निमंत्रण दिया था. पंडित प्रदीप मिश्रा ने कुबेरेश्वर धाम में सभी व्यवस्थाएं किए जाने का दावा भी किया था. उनके आमंत्रण पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु सीहोर आ पहुंचे. 


पानी पीने तक को तरस गए श्रद्धालु
प्रशासन के अनुसार, पहले ही दिन 20 लाख से अधिक श्रद्धालु कुबेरेश्वर धाम आए. भारी तादाद में आए श्रद्धालुओं की वजह से सभी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गईं. कलेक्टर प्रवीण कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी के दिशा निर्देशों के बाद बमुश्किल अगले दिन इंदौर-भोपाल हाईवे पर जाम खुल सका. कुबेरेश्वर धाम आए श्रद्धालुओं को भारी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा. श्रद्धालु यहां पीने के पानी तक के लिए तरस गए. 


कड़कती धूप में श्रद्धालुओं ने सुनी कथा
कुबेरेश्वर धाम पर आए श्रद्धालुओं को भारी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा. यहां पर पर्याप्त छांव का इंतजाम नहीं होने की वजह से कड़कड़ाती धूप में लोग कथा सुनने के लिए मजबूर हो गए. अव्यवस्थाओं की वजह से लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा है. सात दिवसीय आयोजन में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग अपने परिजनों से बिछड़े हैं.


बता दें कि सात दिवसीय आयोजन में दो पुलिसकर्मियों की भी हार्टअटैक से मौत हो गई है. 20 फरवरी को इंदौर के हेड कांस्टेबल की मौत हो गई थी. इंदौर के खजराना थाने से ड्यूटी करने सीहोर कुबेरेश्वर धाम आए प्रधान आरक्षक श्याम मीणा की मौत हुई. इसी तरह आज 22 फरवरी को भोपाल के अजाक थाना में पदस्थ 59 वर्षीय हेड कांस्टेबल समर सिंह भदौरिया भी सीहोर के कुबेरेश्वर धाम पर ड्यूटी देने आए थे. वे पीजी कॉलेज में रुके थे. बुधवार सुबह आठ बजे हार्टअटैक आने से उनकी भी मौत हो गई. जबकि आयोजन के दूसरे ही दिन 17 फरवरी को एक तीन वर्षीय बच्चे की मौत हो गई थी. 


5 महिलाएं, एक बच्चे और दो पुलिसकर्मियों की मौत
इसके अलावा, कुबेरेश्वर धाम से रवाना हुईं दो महिलाओं की सड़क हादसे में मौत हो चुकी है. इधर कुबेश्वर धाम पर ही तबीयत खराब होने से तीन और महिलाओं की मौत हुई है. कुल मिलाकर पंडित प्रदीप मिश्रा का सात दिवसीय आयोजन आठ लोगों के लिए काल के समान साबित हुआ है.


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