Kubereshwar Dham News: मध्य प्रदेश के अंदर इन दिनों धार्मिक आयोजनों और धर्म को लेकर विवादों का वातावरण चल रहा है. बीते कुछ दिनों से बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham Sarkar) चर्चा में बने हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और अव्यवस्थाओं के चलते राजधानी भोपाल से सटे जिले सीहोर का रुद्राक्ष महोत्सव (Rudraksh Mahotsav 2023) चर्चा में बना हुआ है. इसी बीच एबीपी लाइव संवाददाता नितिन ठाकुर ने चितावलिया हेमा पहुंचकर कुबेरेश्वर धाम प्रमुख पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) से विशेष चर्चा की, जिसमें उन्होंने एबीपी न्यूज़ के सवालों का खुलकर जवाब दिया.


'रुद्राक्ष बाबा' बने सीहोर वाले महाराज?


एबीपी लाइव के संवाददाता नितिन ठाकुर ने जब पंडित प्रदीप मिश्रा से उनकी 'रुद्राक्ष बाबा' के रूप में उभरती छवि के बारे में पूछा तो उन्होंने मुस्कुराकर जवाब देते हुए कहा, 'मैं कोई रुद्राक्ष बाबा नहीं हूं, बल्कि सीहोर वाला महाराज ही हूं. रही बात रुद्राक्ष की तो हमारे धर्म ग्रंथों में रुद्राक्ष की बड़ी महिमा है. जिसको लेकर 16 फरवरी से 22 फरवरी तक महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन किया जा रहा था. शिव महापुराण, नर्मदा पुराण, लिंग पुराण सहित बड़े धर्म ग्रंथों में रुद्राक्ष की महिमा का महत्व बताया गया है.'


'हिंदू राष्ट्र' के सवाल पर भी दिया जवाब


अगले सवाल में पंडित प्रदीप मिश्रा से पूछा गया कि हिंदू राष्ट्र के विषय में आपका क्या मानना है? तो जवाब में पंडित मिश्रा ने कहा, 'भारत हिंदू राष्ट्र ही है. जो व्यक्ति दूसरे के सुख में सुखी और दुख में दुखी महसूस करता है वही सनातनी हिंदू है. भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है. यही हमारी संस्कृति है.'


'हम किसी को आमंत्रित नहीं करते हैं'


इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) सहित राजनेताओं के आने से संबंधित सवाल के जवाब में पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा, 'हम व्यासपीठ से किसी को आमंत्रित नहीं करते, लेकिन बाबा महादेव का दरबार सभी के लिए खुला है. यहां का कंकर-कंकर शंकर जो भी राजनेता या व्यक्ति विशेष आना चाहता है सभी का खुले दिल से स्वागत है. चाहे वह किसी भी पार्टी का हो.


रुद्राक्ष में नहीं कोई चमत्कार: पंडित मिश्रा


रुद्राक्ष को चमत्कारी या अभिमंत्रित करने के सवाल पर प्रदीप मिश्रा ने स्पष्ट किया कि यह चमत्कार या तंत्र मंत्र का दावा नहीं है. उन्होंने कहा कि हम साधारण रूप से श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करते हैं और रुद्राक्ष वितरण करते हैं. जिसके लिए कोई विशेष प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं है. हम केवल एक ही बात की आस्था रखते हैं. भगवान शिव को अर्पित किया गया एक लोटा जल ही पर्याप्त है. इसीलिए मैं कहता हूं 'एक लोटा जल सभी समस्याओं का हल'.


किस ओर बढ़ेगी MP में धर्म की लहर?


इस दौरान एबीपी न्यूज की टीम ने कुबरेश्वर धाम (Kubereshwar Dham Sehore) का दौरा भी किया तो हालात बीते 2 दिनों की तुलना में सुधरे हुए नजर आ रहे थे. आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) भी होने हैं. इस दौरान धर्मों की राजनीति और राजनीति में धर्म के कई उदाहरण देखने को मिल सकते हैं. देखने वाली बात होगी कि मध्य प्रदेश में धर्म की लहर किस ओर आगे बढ़ती है.