Kubereshwar Dham Sehore: मध्य प्रदेश का बागेश्वर धाम (Kubereshwar Dham) देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. वहां, देशभर से लाखों भक्त पहुंचे हुए हैं. वहीं, अब मध्य प्रदेश के ही सीहोर (Sehore) जिले में कुबेश्वर धाम को लेकर भी उनके भक्तों जनसैलाब उमड़ पड़ा है. हालात ये है कि हाईवे पर वाहनों का चलना भी मुश्किल हो गया है. वहीं, कुबेश्वर धाम पहुंचे लोग भूख और प्यास से तड़प रहे हैं. 


रुद्राक्ष से बीमारी व परेशानियों को दूर करने का दावा 


इंदौर-भोपाल हाईवे पर स्थित हेमाचितावलिया गांव है. इस गांव की आबादी 500 से 600 है, लेकिन इस गांव में अब यह गांव हेमा चितावलिया की जगह कुबेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है. दरअसल, कथित रुद्राक्ष वितरण करने वाले अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के नाम से जाना जाता है, जो कोरोना महाकारी के बाद से ही प्रसिद्ध हो गए हैं. पंडित मिश्रा की सोशल मीडिया पर लाखों करोड़ों फॉलोअर हैं. पंडित मिश्रा लगातार सोशल मीडिया और यूट्यूब चैनल पर अपने मंत्रित रुद्राक्ष से बीमारी, परेशानियों को दूर करने का दावा करते हैं, जिससे पंडित मिश्रा देशभर में प्रसिद्ध हो गए हैं. 


रुद्राक्ष वितरण महोत्सव आयोजन


कुछ समय पूर्व पंडित मिश्रा से सीहोर स्थित कुबेश्वर धाम पर रुद्राक्ष वितरण महोत्सव आयोजन करने का एलान किया. सोशल मीडिया पर पंडित मिश्रा ने श्रद्धालुओं को आने का निमंत्रण दिया था. पंडित मिश्रा के आमंत्रण के बाद लाखों की तादाद में श्रद्धालु रुद्राक्ष लेने सीहोर आ पहुंचे. 16 फरवरी से शुरू हुआ सात दिवसीय रुद्राक्ष वितरण महोत्सव पहले ही दिन से अव्यवस्थाओं में घिरा नजर आया. 


लोग घंटों फंसे रहे जाम, तड़पते रहे भूख से


सीहोर जिला मुख्यालय के नजदीक शुरू हुए सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव व शिव महापुराण कथा के पहले ही दिन हालात बेकाबू हो गए हैं. सुबह 9 बजे से क्रिसेंट चौराहा अमलाहा टोल नाके तक जाम लगा रहा. इंदौर-भोपाल हाईवे से लेकर कुबेश्वर धाम की ग्राउंड रिपोर्ट की. एबीपी टीम को कुबेश्वर धाम तक पहुंचने के लिए महज छह किलोमीटर का सफर तय करने में पांच घंटे का समय लगा. 


मोबाइल नेटवर्क हुआ ध्वस्त


एबीपी टीम जैसे ही ग्राम गुडभेला नापली पहुंची तो मोबाइल का नेटवर्क चला गया. लाखों की तादाद में लोगों की संख्या होने के कारण मोबाइल कंपनियों के नेटवर्क ध्वस्त हो गए हैं. मोबाइल नेटवर्क नहीं होने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया. इस दौरान कई लोग अपनों से बिछड़ गए, बिछड़े लोग एक दूसरे से मिल नहीं पा रहे हैं. 


गांव के गांव बने होटल


एबीपी टीम जब गुडभेला नापली से आगे बढ़ी तो देखा कि पूरा गांव होटल में तब्दील हो गया. हर घर में बाहर से आए श्रद्धालु मोटी रकम देकर रुक रहे हैं. ग्रामीण मनोज पटेल ने बताया कि ऐसे 15 गांव हैं, जो पूरी तरह से होटल में तब्दील हो गए हैं. इसके आगे जब हम टीम कुबेश्वर धाम पहुंची तो देखा कि यहां पर पैर रखने की जगह नहीं थी. चारों तरफ किसानों की फसलें चौपट कर दुकानें लगी नजर आई.


श्रद्धालुओं के लिए छांव तक का इंतजाम नहीं


चितावलिया हेमा स्थित पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेश्वर धाम पर अव्यवस्थाओं के चलते लाखों श्रद्धालु परेशान होते नजर आए. आश्रम पर छांव की व्यवस्था तक नहीं दिखी. लोग चिलचिलाती धूप में रुद्राक्ष पाने के लिए खड़े नजर आए. कुबेश्वर धाम पर बने डेमो में लोग ठूंसे हुए नजर आए. चिलचिलाती धूप में लोग पानी तक को तरस गए. पानी के अभाव में हजारों लोग बीमार हो गए, जबकि धूप की वजह से महाराष्ट्र निवासी एक महिला की मौत भी हो गई.


50 रुपए में बिक रहा एक लीटर पानी 


कुबेश्वर धाम के बाहर आस्था के नाम पर व्यापार चलता दिखा. दूर दराज के प्रदेशों से आए लाखों श्रद्धालुओं के लिए आयोजन समिति द्वारा सही ढंग से व्यवस्था नहीं की गई. श्रद्धालुओं को यहां पानी भी नसीब नहीं हो रहा है. अपनी प्यास बुझाने के लिए धाम के बाहर लगी दुकानों पर लोग एक-एक लीटर पानी की बॉटल के लिए 20 से 50  रुपए चुकाने को मजबूर हो रहे हैं. 


रेलवे स्टेशन-बस स्टेशन पर भी परेशानी


एबीपी टीम जब शहर के रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी पहुंची. रेलवे स्टेशन पर लोग अपनी जान जोखिम में डालते हुए नजर आए. लोग यहां ट्रेन में बैठने के लिए पटरियों पर ही खड़े नजर आए. रेलवे स्टेशन पर पैर रखने की जगह नहीं थी. यही हाल शहर के बस स्टैंड का भी दिखा. लोग अपने गंतव्य तक जाने के लिए वाहनों का इंतजार करते दिखे. लेकिन हाईवे पर लगे जाम की वजह से बस स्टैंड पर वाहन नहीं पहुंच सके. यात्री बसें 15 से 20 घंटे देरी से पहुंची. एबीपी टीम को शहर में हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल नजर आया.


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