Pandit Pradeep Mishra: महाशिवरात्रि के मौके पर सीहोर जिला मुख्यालय पर आयोजित हुए रुद्राक्ष वितरण महोत्सव ( Rudraksh Distribution Destival) में फैली अव्यवस्थाओं पर कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) ने व्यास पीठ से ही जमकर नाराजगी जताई. पंडित मिश्रा की नाराजगी वाला यह वीडियो अब सोशल मीडिया (Social Media) पर जमकर वायरल हो रहा है. 


पंडित मिश्रा व्यास पीठ से ही कहते नजर आए कि वे सीहोर वालों को परख नहीं सके कि वे इतनी लूट मचाएंगे. खेतों में फ्रेश होने के लिए 20 रुपये ले लिए, जबकि 10 रुपये की पानी की बॉटल 150 रुपये में बेची गई. पंडित मिश्रा ने व्यास पीठ से ही दावा किया है कि अगली बार कुबेश्वर धाम पर ही सभी व्यवस्थाएं मिलेंगी. पंडित मिश्रा ने आगे कहा कि 10 रुपए की बोतल को 50-50 रुपए में बेचा गया. इसे सुनकर इतना हृदय को घात लगा है कि बोल नहीं सकता. बस कथा वाच रहा हूं, इससे बढ़कर और कुछ नहीं हो सकता. पंडित मिश्रा ने कहा कि जहां का मैं गुणगान करता था कि आपको बुलाकर आनंद की अनुभूति कराउंगा. लेकिन, यहां से सीहोर रेलवे स्टेशन जाने के लिए लोडिंग वाहन में एक-एक सवारी से 300-300 रुपये लिए गए. इससे में अंदर से दुखी हूं. 


 700 रुपए में बेच दी गई महाराज की फोटो 


पंडित मिश्रा ने कहा कि बुरहानपुर कथा की तो लोगों ने भंडारे खोल दिए. उन्होंने कहा कि मुझे मालूम नहीं था कि यहां गेहूं के खेत में भी कोई फ्रेश होने जाएगा, तो उसे 20 रुपये वसूल लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह जिंदगी में नहीं सोचा था. कुबेश्वर धाम की मिट्टी में महाराज की फोटो लगाकर 700 रुपए में बेच दी गई, मैंने पहले कभी इसके बारे में नहीं सोचा था. उन्होंने कहा कि विश्वास से कहता हूं, जो नजारा अभी देखा है, इस नजारे के बल पर कहता हूं अगला रुद्राक्ष महोत्सव होगा तो रुद्राक्ष भले ही वितरण न हो, पर तुम्हारे लिए आरओ के वॉटर की पूरी व्यवस्था और लेटबाथ की पूरी व्यवस्था होगी. होटल से बड़ा होटल का निर्माण किया जाएगा, वह भी पूरी तरह नि:शुल्क. पंडित मिश्रा ने कमरे के लिए पांच हजार रुपये में दिया. उन्होंने कहा कि मुझे परखने में देरी हो गई. 


सात दिवसीय था आयोजन


बता दें सीहोर के नजदीक कुबेश्वर धाम पर 16 फरवरी से 22 फरवरी तक सात दिवसीय रुद्राक्ष वितरण व शिव महापुराण कथा का आयोजन हुआ था. कथा के पहले ही दिन आयोजन स्थल पर व्यवस्थाएं बिगड़ गई. इंदौर-भोपाल फोरलेन हाईवे अल सुबह से देर रात तक जाम रहा. अगले दिन भी इंदौर-भोपाल हाईवे पर जाम के हालात बने हुए थे. वाहन रेंग रहे थे, लोगों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा था. कथा के पहले ही दिन कुबेश्वर धाम पर धूप में खड़ी एक महिला की मौत हो गई थी, जबकि कई बच्चे सहित महिला पुरुष अपनों से बिछड़ गए थे.


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