South Africa Cheetah in Kuno National Park: दक्षिण अफ्रीका से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) लाए गए 12 चीतों ने 60 घण्टे भूखे रहने के बाद भारत में अपना पहला भोजन (Meal) लिया. सात नर और पांच मादा चीतों को को रविवार को शाम साढ़े पांच बजे के करीब 65 से 70 किलो भैंस का मांस परोसा गया. बताते चलें कि इन 12 सदस्यों के जुड़ने के बाद भारत के कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या अब 20 हो गई है.


सितंबर महीने में आए थे आठ चीते 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को नामीबिया से आए आठ चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. अब पार्क में 10 नर और इतने ही मादा चीते हो चुके हैं. उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में इनसे भारत में चीतों के वंश में वृद्धि होगी. विशेषज्ञों के अनुसार चीते तीन-चार दिनों में एक बार शिकार करते हैं. वे अपने शिकार को एक बार में तेजी से खा जाते हैं, क्योंकि उन्हें डर होता है कि कहीं अन्य शिकारी जैसे तेंदुआ उनका शिकार को छीन न ले.


15 फरवरी दिया गया था अंतिम फीड
यहां बता दें कि भारत से चीतों के विलुप्त होने के सात दशक बाद दो दिन पहले यानी 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका के 12 चीतों को नामीबिया से पूर्व में आए चीतों के कुनबे में शामिल किया गया. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक भारत आने से पहले 12 चीतों को 15 फरवरी की सुबह 6 बजे दक्षिण अफ्रीका के रूइबर्ग और फिंडा रिजर्व में अंतिम ​फिड दिया गया था.


1947 में हो गई थी आखिरी चीते की मौत
यहां बता दे कि चीतों का अंतर-महाद्वीपीय स्थानान्तरण भारत सरकार के महत्वाकांक्षी परियोजना चीता पुनर्वास (प्रोजेक्ट चीता) कार्यक्रम का हिस्सा है. यह इस जानवर के भारत में विलुप्त होने के सात दशक बाद एक बार फिर से देश में बसाने का प्रोजेक्ट है. देश के आखिरी चीते की मृत्यु वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1947 में हुई थी. इस प्रजाति को भारत में 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था.


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