Kuno National Park: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से आज एक और बुरी खबर सामने आई है. कूनो में आज सुबह मादा चीता 'धात्री' मृत पाई गई. मौत के मामले का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. इसके बाद अब तक कुल नौ चीते दम तोड़ चुके हैं. ये खबर तब सामने आई जब हाल ही में मध्य प्रदेश को दो दिन पहले ही टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है.


वहीं कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक असीम श्रीवास्तव ने बताया कि आज एक मादा चीता 'धात्री' की मौत हो गई है. मौत के कारण का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. पोस्टमार्टम के बाद मौत का कारण बताया जा सकेगा.


वहीं इससे पहले हाल ही में मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है. टाइगर स्टेट के दर्जें की खुशियां मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मनाई जा रही थी कि इसी बीच आई बुरी खबर ने इन खुशियों को कम कर दिया है. दरअसल मंगलवार को मंडला के कान्हा नेशनल पार्क में एक बाघ की मौत हो गई है. हालांकि बाघ की मौत के कारणों का पता नहीं चल सका है. बाघ की मौत के चंद घंटों पहले ही प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह और वन विभाग के अफसरों का सम्मान किया गया था.


बता दें 785 बाघों के साथ मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है. हालांकि टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने के दो बाद दिन ही एक बाघ की मौत हो गई, इससे प्रदेश में अब बाघों की संख्या 784 रह गई है. मंगलवार की दोपहर मंडला के कान्हा नेशनल पार्क में एक बाघ की मौत हो गई है. बाघ की मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है, लेकिन बाघ की मौत ने टाइगर स्टेट बनने की खुशियों को कुछ कम कर दिया है.


8-10 दिन पुराना है शव
बता दें कान्हा टाइगर रिजर्व मंडला के कोर जोन के अंतर्गत भैसानघाट परिक्षेत्र के खमोडीदादर बीट कक्ष क्रमांक 240 में वन कर्मचारी गश्ती पर निकले थे, इसी दौरान वन कर्मियों को बाघ का सड़ा गला शव नजर आया. बाघ का शव 8-10 दिन पुराना बताया जा रहा है. बाघ की मौत की खबर लगते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे जांच और शुरु की गई है. 


महज ढाई साल का था बाघ
बताया जा रहा है मृत बाघ की उम्र महज ढाई साल की थी. मृत बाघ के शव का परीक्षण कान्हा टाइगर रिजर्व मंडला के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. संदीप अग्रवाल एवं एनटीसीए के प्रतिनिधि प्रिया वारेकर, एसके सिंह आदि अफसरों की उपस्थिति में किया गया है. शव के परीक्षण के बाद बाघ के आवश्यक अवयव फारेंसिक जांच के लिए सुरक्षित रखकर संपूर्ण अवशेष को जलाकर नष्ट किया गया.


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