Kuno National Park: दो चीतों की अचानक मौत के बाद जानें वन विभाग की क्या है तैयारी, केंद्र सरकार से की ये मांग
Kuno National Park Cheetah Death: कूनो नेशनल पार्क में एक महीने में दूसरे चीते की मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है. वन विभाग ने इसे लेकर अब केंद्र सरकार का दरवाज़ा खटखटाया है.
Kuno National Park News: मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में रविवार को एक और चीते की मौत हो गई. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मृत चीता ‘उदय’ छः साल का था. कूनो राष्ट्रीय उद्यान में करीब 1 महीने में इस तरह की यह दूसरी घटना सामने आई है. इससे पहले नामीबिया से लाए गए साशा नाम के चीते की 27 मार्च को मौत हो गई थी. अब मध्यप्रदेश वन विभाग ने केंद्र सरकार से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीते के लिए एक वैकल्पिक स्थान की मांग की है. एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने बताया कि चौबीसों घंटे एक चीते पर नजर रखने के लिए हमें 9 कर्मचारियों की जरूरत है। हमारे पास पर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं.
मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जेएस चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके विभाग ने चीतों के लिए एक वैकल्पिक स्थान का अनुरोध करते हुए भारत में दुनिया के सबसे तेज पशु प्रजनन परियोजना की निगरानी कर रहे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण (एनटीसीए) को एक पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि 'हमने दो दिन पहले पत्र लिखा था. पत्र में मांग की गई थी कि केंद्र वन अधिकारियों के अनुसार वैकल्पिक स्थल पर निर्णय लें.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
कुछ वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, एक चीते को अपनी आवाजाही के लिए 100 वर्ग किमी क्षेत्र की आवश्यकता होती है. लेकिन केएनपी के निदेशक उत्तम शर्मा ने कहा, "कोई भी नहीं जानता कि एक चीता को कितनी जगह की जरूरत है. नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से उनके स्थानान्तरण के बाद हम उनके बारे में सीख रहे हैं. नामीबिया में लीबनिज-आईजेडडब्ल्यू के चीता अनुसंधान परियोजना के वैज्ञानिकों का तर्क है कि दक्षिणी अफ्रीका में चीता एक स्थिर सामाजिक-स्थानिक प्रणाली में व्यापक रूप से फैले क्षेत्रों और प्रति 100 वर्ग किलोमीटर में एक व्यक्ति से कम घनत्व के साथ रहते हैं.
वहीं शोधकर्ताओं के अनुसार, अफ्रीकी चीतों को भारत में लाने की योजना उनकी स्थानिक पारिस्थितिकी पर विचार किए बिना बनाई गई थी. उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि छोड़े गए जानवरों का पड़ोसी गांवों के लोगों से विवाद हो सकता है.