Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मौजूद चीतों को बार-बार ट्रेंकुलाइज करना घातक साबित हो रहा है. इसे लेकर भोपाल के वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने केंद्रीय वन मंत्री से शिकायत की है. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा, अब तक कूनों में चीतों को 110 बार ट्रेंकुलाइज किया गया है, जिसकी अनुमति नहीं ली गई है.
अजय दुबे ने केंद्रीय जलवायु, वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से की गई शिकायत में कहा, "मैंने नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी को कई बार शिकायतें की, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. चीतों का ट्रेंकुलाइज करने का कोई रिकॉर्ड भी नहीं रखा गया है." उन्होंने चीता पवन की मौत को लेकर भी लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा, "पवन को भी अवैध रूप से ट्रेंकुलाइज किया गया था, जो उसके लिए घातक साबित हुआ. वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 11 में शेड्यूल 1 में चीता को ट्रेंकुलाइज करने के लिए सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू से अनुमति लेना जरूरी है. लेकिन कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ और सिंह परियोजना के संचालक उत्तम शर्मा द्वारा इसका उल्लंघन किया गया."
एक-एक करके इन चीतों की हुई मौत
बता दें 2022 और 2023 में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीते लाए गए थे. इस दौरान 20 चीते लाए थे, जिनमें नामीबिया से 8 और दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते आए थे. शुरुआत में यहां चीतों के लिए मुश्किलों भरा दौर था. 26 मार्च 2023 को पहले चीते की किडनी इंफेक्शन से मौत हो गई थी. जबकि 23 अप्रैल 2023 को नर चीता उदय की दिल के दौरे से मौत हुई थी.
वहीं 25 मई 2023 को ज्वाला के दो और शावकों की मौत हो गई. फिर 11 जुलाई 2023 को आपसी संघर्ष में मेल चीता तेजस की मौत हो गई. वहीं 14 जुलाई 2023 आपसी संघर्ष में मेल चीता सरजू की मौत हो गई.
इसके बाद 2 अगस्त 2023 को इंफेक्शन से मादा चीता धात्री की मौत हो गई. 16 जनवरी 2024 को नर चीता शौर्य की मौत हो गई. फिर 4 जून को मादा चीता गामिनी का शावक मृत मिला. 5 अगस्त को मादा चीता गामिनी के एक और शावक की मौत और 27 अगस्त को नामीबिया से लाए गए चीते पवन की मौत हो गई.