Kuno National Park: नामीबिया से आए दो और चीते कूनो नेशनल पार्क के जंगल में छोड़े गए, जानें- अब कितनी हुई चीतों की संख्या?
MP News: श्योपुर के वन मंडल अधिकारी ने बताया कि दोनों चीते स्वस्थ हैं. इससे पहले 11 मार्च को दो चीतों ओबन और आशा को कूनो नेशनल पार्क में लाए जाने के लगभग छह महीने बाद जंगल में छोड़ दिया गया.
Kuno National Park: नामीबिया से लाए गए दो और चीतों को बुधवार को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में जंगल में छोड़ दिया गया. कूनो नेशनल पार्क में सितंबर 2022 में अफ्रीकी देश से चीतों को यहां बसाने के लिए लाया गया था. वन विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
इसके साथ ही नामीबिया से लाए गए आठ चीतों में से चार को श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क के जंगल में छोड़ दिया गया है. श्योपुर के वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) पी के वर्मा ने बताया कि एल्टन और फ्रेडी, जिन्हें ‘रॉकस्टार’ के नाम से जाना जाता है, को शाम करीब साढ़े छह बजे एक बड़े बाड़े से उद्यान के फ्री रेंज क्षेत्र में सफलतापूर्वक छोड़ दिया गया.
'प्रोजेक्ट चीता' योजना के तहत लाए गए चीते
उन्होंने बताया कि दोनों स्वस्थ हैं और बेहतर कर रहे हैं. इससे पहले 11 मार्च को दो चीतों ओबन और आशा को कूनो नेशनल पार्क में लाए जाने के लगभग छह महीने बाद जंगल में छोड़ दिया गया. भारत में चीतों को फिर से बसाने की योजना 'प्रोजेक्ट चीता' के तहत नामीबिया से आठ चीतों- पांच मादा और तीन नर को यहां कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था. भारत में चीते 70 साल पहले विलुप्त प्रजाति घोषित कर दिए गए थे.
कूनो नेशनल पार्क में अब 20 चीते
नामीबिया से यहां लाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को कूनो नेशनल पार्क में एक विशेष बाड़े में इन चीतों को छोड़ा था. पहले इन चीतों को छोटे बाड़ों में अलग रखा गया था बाद में बड़े बाड़ों में रखा गया. वहीं चीतों का दूसरा जत्था, जिसमें एक दर्जन चीते- सात नर और पांच मादा शामिल थे, को 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क लाया गया. बता दें कि कूनो में अब कुल 20 चीते हैं.
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