Ladli Behna Yojana: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की 'मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना' में कुछ बहनों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है. कहा जा रहा है कि अविवाहिता (Unmarried), रेप पीड़िता (Rape Victims) और सेक्स वर्कर के लिए इस योजना में पंजीयन का कोई प्रावधान नहीं है.अब मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग (MP Human Right Commission) के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने भी राज्य सरकार को पत्र लिखकर वंचित वर्ग की महिलाओं को 'मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना' (CM Ladli Behna Yojana) में शामिल करने के लिए कहा है.

 

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने चुनावी साल में 23 वर्ष से 60 वर्ष की उम्र की महिलाओं को 1000 रुपये प्रति महीने देने के लिए 'लाडली बहना योजना' की शुरुआत अपने जन्मदिन यानी 5 मार्च से की थी. योजना के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 30 अप्रैल है.अभी तक इस योजना के लिए तकरीबन 1 करोड़ 10 लाख महिलाओं ने अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है. सीएम शिवराज सिंह चौहान की योजना 10 जून को महिलाओं के खाते में पहली किस्त जमा करने की है. इस हिसाब से मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले महिलाओं के खाते में लाडली बहना योजना की 6 किस्तें जमा हो चुकी होंगी.

 

इन महिलाओं को घोषित किया गया अपात्र
वहीं, यह जानकारी सामने आई है कि योजना में अविवाहित, रेप पीड़िता और सेक्स वर्कर को शामिल नहीं किया गया है.एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक मध्य प्रदेश की बेड़िया और बांछड़ा जनजाति की लगभग 15 हजार महिलाएं हैं,जो पीढ़ियों से सेक्स वर्कर के रूप में काम करती हैं. इनकी अधिकतर आबादी नीमच, रतलाम और मंदसौर जिलों में हैं, जिन्हें योजना का लाभ लेने के लिए अपात्र घोषित किया गया है.इस जनजाति की अनेक महिलाओं ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि उन्हें 'मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना' में पंजीकृत नहीं किया जा रहा है.आवेदन पत्र में पति का नाम ना दे पाने की मजबूरी के चलते इन महिलाओं का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है. इस बारे में शिकायत करने पर अधिकारियों ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं.

 

अनात और रेप पीड़िताओं को भी नहीं मिला स्थान
 अनाथ और रेप पीड़िता जो विभिन्न आश्रय गृहों में रह रही हैं. वैवाहिक स्थिति स्पष्ट न होने के कारण इस योजना के तहत पात्र नहीं हैं.भोपाल के एक संगठन ने अनाथ और रेप पीड़िताओं को योजना का लाभ दिलाने जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक में इस मुद्दे को उठाया लेकिन कुछ रास्ता नहीं निकल सका. मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने 'मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना' में बछड़ा, बेड़िया और सांसी समुदाय की महिलाओं को शामिल करने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि वैवाहिक स्थिति के कारण किसी महिला के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए. 

 

ये भी पढ़ें-