Lata Deenanath Mangeshkar Gramophone Record Museum, Indore: आधुनिकता की इस दौड़ में भले ही चीजों को आसान बना दिया है जहां मधुर गीतों का खजानों का संग्रह चंद मिनटों में खोला जा सकता है. लेकिन शुरूआती दौर में गानों को गानों को सुनने के विशेष तकनीक इस्तेमाल किया जाता था, उन्हीं में से एक था ग्रामोफोन. उस समय संगीत का संग्रह ग्रामोफोन रिकॉर्ड के जरिये लोगों के कानों तक पहुंचाया जाता था. गुजरे दौर की इसी सुरीली विरासत को, मशहूर गायिका लता मंगेशकर के एक प्रशंसक ने उनके गाये गीतों के दुर्लभ ग्रामोफोन रिकॉर्ड जमा कर रखा है. इसके लिए स्वर कोकिला लता के प्रशंसक सुमन चौरसिया ने अपने घर में एक संग्रहालय बना रखा है. यह संग्रहालय इंदौर के पिगडंबर में बना हुआ है.


संग्रहालय में है 7600 ग्रामोफोन रिकॉर्ड का संग्रह
इंदौर में स्थित संग्रहालय के मालिक सुमन चौरसिया के मुताबिक, "मैं बचपन से लताजी का प्रशंसक हूं. उनके हर गानों के ग्रामोफोन रिकॉर्ड वर्ष 1965 से सहेजने शुरू किये थे, फिलहाल मेरे पास ऐसे करीब 7600 ग्रामोफोन रिकॉर्ड का संग्रह है. इनमें वे दुर्लभ गीत हैं जो लताजी ने देशी-विदेशी, मराठी सहित 30 अलग-अलग भाषाओं और बोलियों में गाये हैं."




संग्रहालय में सहेज कर रखे गए दुर्लभ ग्रामोफोन रिकॉर्ड संग्रह


 


वर्ष 2008 में लता दीनानाथ मंगेशकर ग्रामोफोन रिकॉर्ड संग्रहालय का रूप दिया
संग्रहालय के मालिक सुमन चौरसिया ने बताया कि, "वर्ष 2008 में उन्होंने इस संग्रह को व्यवस्थित करने के लिये संग्रहालय का रूप दे दिया था. जहां उन्होंने इस संग्रहालय का नाम दिया गया, “लता दीनानाथ मंगेशकर ग्रामोफोन रिकॉर्ड संग्रहालय.” उन्होंने कहा कि मुझे एक दिन महसूस हुआ कि, "लताजी की जन्मस्थली इंदौर में उनके नाम पर एक संग्रहालय होना चाहिये, ताकि संगीत प्रेमी एक ही छत के नीचे उनकी सुरीली विरासत का आनंद उठा सकें. तब से मैं उनके गाये गीतों के ग्रामोफोन रिकॉर्ड खोजने में जुट गया."


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