MP: मध्य प्रदेश में वकीलों हड़ताल खत्म होने से मुवक्किलों ने ली राहत की सांस, सामान्य हुआ अदालत का कामकाज
स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन प्रेम सिंह भदौरिया की अगुवाई में पदाधिकारियों और सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली गया है. सुप्रीम कोर्ट के आग्रह का सम्मान करते हुए हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया गया था.
MP Court News: मध्य प्रदेश में अदालती कामकाज आज बुधवार से सामान्य हो गया है. हाईकोर्ट सहित 53 जिला अदालतों के वकीलों ने हड़ताल वापस लेने का एलान किया. वकीलों की हड़ताल खत्म होने से पक्षकारों को बड़ी राहत मिली. वकीलों की प्रदेश स्तरीय हड़ताल पिछले 5 दिनों से चल रही थी. मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल का प्रतिनिधिमंडल मांग पर आज चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ से सुप्रीम कोर्ट में मुलाकात करनेवाला है. बताया जाता है कि मंगलवार की शाम स्टेट बार काउंसिल ने बैठक में हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया था कि वार्ता हड़ताल समाप्त करने के बाद होगी. हड़ताल समाप्ति की घोषणा के बाद स्टेट बार काउंसिल का प्रतिनिधिमंडल चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ से मिलने दिल्ली रवाना हो गया.
हड़ताल समाप्त कर मुवक्किलों की पैरवी में वकील
स्टेट बार काउंसिल के सदस्यों ने एकमत होकर हड़ताल वापसी का फैसला लिया. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के स्वतः संज्ञान लेकर स्टेट बार काउंसिल सदस्यों को अवमानना नोटिस देने से वकीलों में भारी नाराजगी है. बताया जाता है कि स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन प्रेम सिंह भदौरिया की अगुवाई में पदाधिकारियों और सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली गया है. कार्यकारी सचिव गीता शुक्ला के मुताबिक मंगलवार को स्टेट बार काउसिंल के 24 सदस्यों ने सामान्य सभा की विशेष बैठक बुलाई थी. बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आग्रह का सम्मान करते हुए हड़ताल स्थगित कर वार्ता का फैसला लिया गया.
हाईकोर्ट के आदेश का 5 दिनों से हो रहा था विरोध
राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विवेक कृष्ण तन्खा ने भी स्टेट बार काउंसिल और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को बातचीत से समस्या को सुलझाने का सुझाव दिया था. उन्होंने पत्र लिखकर कहा कि आंदोलन वापस लेकर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीशों से वार्ता कर समस्या का समाधान किया जा सकता है. उन्होंने खुद भी अपनी ओर से पहल करने और हरसंभव प्रयास करने का आश्वासन दिया. बता दें कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश से वकील नाराज हैं. पांच साल पुराने 25 लंबित प्रकरणों को तीन माह की समय-सीमा में निराकृत करने का आदेश पारित हुआ है. हाईकोर्ट के आदेश का विरोध अधिवक्ता, स्टेट बार काउंसिल पांच दिनों से कर रहे हैं. वकीलों की हड़ताल से हाईकोर्ट की जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर बेंच में भी अदालती कामकाज प्रभावित हो रहा था.