MP: सिंडिकेट बनाकर जबलुपर में MRP से अधिक दामों पर बेची जा रही शराब, आबकारी विभाग ने लिया एक्शन
Jabalpur: आबकारी विभाग द्वारा एमआरपी से अधिक दामों पर शराब को बेचे जाने की सूचना मिलने पर कई स्थानों पर बड़ी कार्रवाई की है. विभाग के द्वारा अचानक की गई इस कार्रवाई से माफियाओं में खलबली मच गई है.
Jabalpur News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बारे में एक कहावत है, वो ये कि एमपी अजब है एमपी गजब है. जबलपुर (Jabalpur) की दस शराब दुकानों में एमआरपी से अधिक दाम पर शराब बेचने का मामला पकड़े जाने के बाद ये कहावत चरितार्थ होती दिख रही है. आबकारी विभाग (Excise Department) ने मुनाफाखोरी करने वाली दुकानों के विरुद्ध पंचनामा बनाकर उनके संचालकों को नोटिस थमाए गए हैं. बताया जाता है कि शहर के शराब ठेकेदारों ने माफिया की तरह सिंडीकेट बनाकर एमआरपी से अधिक दाम पर दारू बेचना शुरू कर दिया है.
प्रशासिनक सूत्रों का कहना है कि एमआरपी से अधिक दामों पर शराब बेचने वालों के खिलाफ आबकारी विभाग सख्त हो गया है. महंगी शराब बेचने वाली शहरी क्षेत्र की दस दुकानों के खिलाफ जिला प्रशासन के निर्देश पर आबकारी विभाग द्वारा गुरुवार को कार्रवाई की गई है. मुनाफाखोरी की शिकायत सही पाए जाने पर दुकानों के विरुद्ध पंचनामा बनाकर उनके संचालक को नोटिस थमाए गए हैं. बताया जाता है कि शराब दुकान के संचालकों द्वारा सिंडीकेट बनाकर एमआरपी से अधिक दामों पर शराब को बेचा जा रहा था. इस संबंध में शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने विभाग को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
आबकारी विभाग ने इन जगहों पर की कार्रवाई
कलेक्टर सुमन को की गई शिकायत के बाद आबकारी विभाग द्वारा ये कार्रवाई की गई. आबकारी कंट्रोल रूम की टीम ने शहर की कई दुकानों में पहुंचकर जांच की. आबकारी विभाग द्वारा गणेश चौक, ककर तलैया, मदन महल, मीरगंज, मानेगांव, मोटर स्टैंड (एक), बल्देवबाग, विजय नगर, भानतलैया और घाना स्थित शराब दुकानों की जांच की गई थी.जांच में इन सभी दुकानों में गड़बड़ी पाई गई, जिस पर लाइसेंसी शराब ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने के नोटिस दिए गए हैं.
लगातार एमआरपी से ज्यादा दाम पर बेची जा रही शराब
बताया जाता है कि जबलपुर में शराब ठेकेदारों ने माफिया की भांति सिंडिकेट बना लिया है. सभी ठेकेदारों की शराब दुकानों का संचालन सिंडिकेट द्वारा किया जा रहा है. सिंडिकेट में ही शराब दुकानों में मुनाफाखोरी शुरू की है. लगातार एमआरपी से ज्यादा दाम पर शराब बेचने की शिकायत जिला प्रशासन के पास पहुंच रही है. इसके अलावा खरीददारों को नियम विरुद्ध शराब खरीदी का पक्का बिल भी नहीं मिल रहा है.