Lok Sabha Election 2024: एमपी में BJP ने प्रज्ञा ठाकुर सहित 6 मौजूदा सांसदों का क्यों काटा टिकट? समझें वजह
MP Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी पहली लिस्ट जारी कर चुकी है. इनमें एमपी के छह मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं दिया गया है. जानिए इसके पीछे की वजह क्या है?
MP Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी (BJP) अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर चुकी है. 195 नामों वाली इस सूची में कई दिग्गजों के टिकट काटे गए हैं. इन्हीं में भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी शामिल हैं. इसके अलावा जिन सांसदों को दोबारा टिकट नहीं दिया गया, उनमें केपी यादव (गुना), राजबहादुर सिंह (सागर), जेएस डामोर (रतलाम), रमाकांत भार्गव (विदिशा) और विवेक शेजवलकर (ग्वालियर) शामिल हैं.
वहीं चर्चा है कि इन छह सीटों के अलावा अन्य पांच सीट मुरैना, सीधी, होशंगाबाद, जबलपुर और दमोह में भी बदलाव कर नए उम्मीदवार लाए जा सकते हैं. 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक भोपाल से मौजूदा सांसद प्रज्ञा ठाकुर का टिकट के पीछे कयास लगाया जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी की नाराजगी उनको भारी पड़ गई.
दरअसल प्रज्ञा ठाकुर ने महात्मा गांधी को गोली मारने वाले नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था. वहीं इस बयान से हुए आक्रोश के बाद उन्होंने माफी मांग ली थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह उन्हें कभी माफ नहीं कर पाएंगे. वहीं बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी होने के बाद प्रज्ञा से मतदाताओं का जुड़ाव कम देखा गया. इस वजह से पार्टी ने टिकट देने से इनकार कर दिया.
टिकट कटने पर सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि शायद प्रधानमंत्री मोदी को मेरी कुछ बातें पसंद नहीं आई है और उन्होंने पहली ही कहा था कि वह मुझे माफ नहीं कर सकते हैं. टिकट कटने की वजह पर प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि मेरा टिकट क्यों कटा, यह पार्टी को पता होगा, लेकिन मैंने पहले भी टिकट नहीं मांगा था, अब भी नहीं मांगूंगी.
केपी यादव का इस वजह से कटा टिकट
वहीं कांग्रेस से बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी ने गुना सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस वजह से पिछले चुनाव में सिंधिया को भारी मतों से हराने वाले केपी यादव का टिकट काट दिया गया है. कहा जा रहा है कि पार्टी ने सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद केपी यादव को किनारे कर दिया है. हालांकि यादव पार्टी के भीतर अपनी प्रासंगिकता को रेखांकित करने की कोशिश कर रहे हैं और यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह एक सक्रिय सांसद हैं.
रमाकांत भार्गव को इस बार नहीं मिला मौका
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अपनी पुरानी लोकसभा सीट विदिशा में लौटने पर मौजूदा सांसद रमाकांत भार्गव का टिकट काट दिया गया है. इसके साथ ही शिवराज के करीबियों को भी लोकसभा सीटें दी गई हैं. इनमें आलोक शर्मा (भोपाल), दर्शन सिंह चौधरी (होशंगाबाद), मौजूदा सांसद रोडमल नागर (राजगढ़), लता वानखेड़े (सागर) और अनीता नागर सिंह चौहान (रतलाम) का नाम शामिल है.
डामोर, राजबहादुर, शेजवलकर का क्यों कटा टिकट?
वहीं जिन अन्य मौजूदा सांसदों को चुनावी मैदान में नहीं उतारा गया है, उनमें से राजबहादुर सिंह (सागर) का प्रदर्शन काफी खराब माना जा रहा है. जबकि जेएस डामोर (रतलाम) पर भ्ररष्टाचार के आरोप लगने के बाद जनता में उनकी लोकप्रियता में गिरावट देखी गई है. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी पूर्व सांसद मंत्री भरत सिंह कुशवाह को ग्वालियर से टिकट मिलने पर विवेक शेजवलकर को इस बार मौका नहीं मिला.