Lok Sabha Election 2024: इंदौर में कांग्रेस को लगा तगड़ा झटका, अंतर सिंह दरबार और पंकज संघवी BJP में शामिल
MP Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस नेताओं का पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल होने का सिलसिला तेज होता जा रहा है. इस बीच इंदौर के दो बड़े नेता अंतर सिंह दरबार और पंकज संघवी बीजेपी में शामिल हो गए.
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MP Lok Sabha Chunav 2024: मध्य प्रदेश कांग्रेस (Congress) में अंतर्कलह की वजह से कांग्रेसियों का बीजेपी (BJP) में शामिल होने का सिलसिला जारी है. पूरे प्रदेश में कांग्रेस में पतझड़ का मौसम चल रहा है. चुनावी सरगर्मी के बीच माहौल भी गरमाता जा रहा है. अब इंदौर (Indore) के दो बड़े नेता जो कांग्रेस में अच्छी पकड़ रखने वाले माने जाते हैं, वह बीजेपी से जुड़ रहे हैं. इनमें पहला बड़ा नाम इंदौर के कांग्रेस नेता पंकज संघवी का है, तो दूसरा नाम अंतर सिंह दरबार का है.
अंतर सिंह दरबार इंदौर जिले की महू तहसील में कांग्रेस के लिए लड़ते आए हैं. कांग्रेस नेता अंतर सिंह दरबार महू विधानसभा सीट से पांच बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. लोकसभा चुनावों की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है. कांग्रेस नेताओं का अपनी पार्टी छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का सिलसिला तेज होता जा रहा है. कांग्रेस में हो रही टूटफूट का लोकसभा चुनावों में नुकसान होना तय माना जा रहा है.
कैलाश विजयवर्गीय से चुनाव हारे थे अंतर सिंह
अंतर सिंह दरबार महू से पांच बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. दरबार साल 1998 और 2003 में विधानसभा का चुनाव जीते थे. वह 2008 और 2013 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय से हारे थे. वहीं 2018 में बीजेपी की प्रत्याशी उषा ठाकुर ने दरबार को हराया था. इधर 2023 के विधानसभा चुनाव में दरबार को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला, तो वह निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे और फिर हार गए. बीजेपी की उषा ठाकुर ने लगातार दूसरी बार उन्हें हराया, लेकिन दरबार कांग्रेस के प्रत्याशी को पछाड़ते हुए दमदारी से दूसरे नंबर पर रहे. दरबार पार्टी से लंबे समय से नाराज चल रहे थे.
पंकड संघवी की इस विधानसभा में खास पकड़
इधर पंकज संघवी की बात करें तो संघवी गुजराती समाज में बड़ी पैंठ रखते हैं. उनका पांच नंबर विधानसभा में खासा दबदबा भी है. कहा जा रहा है कि संघवी जीतू पटवारी से नाराज चल रहे हैं. पंकज संघवी 1983 में पहली बार पार्षद का चुनाव जीते थे. उसके बाद 1998 में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था. इसमें वह सुमित्रा महाजन से 49 हजार 852 वोट से चुनाव हारे थे. इस चुनाव में सुमित्रा को 440047 वोट और पंकज को 390195 वोट मिले थे.
इधर दिसंबर 2009 में वह इंदौर के महापौर का चुनाव लड़े और बीजेपी के कृष्णमुरारी मोघे से करीब 4 हजार वोट से हारे थे. वहीं 2013 में इंदौर विधानसभा पांच नंबर सीट से करीब 12 हजार 500 वोट से विधानसभा चुनाव हारे. इसके बाद पिछले लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस ने पंकज संघवी को लोकसभा का टिकट दिया था, लेकिन वह बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी के सामने चुनाव हार गए थे.
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