MP Lok Sabha Election 2024: भारतीय जनता पार्टी में भले ही अभी मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री चुनने की रस्साकसी चल रही हो लेकिन कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. दिल्ली में एमपी में चुनाव में हार पर चर्चा के लिए बुलाई केंद्रीय नेताओं की बैठक में यह भी तय हो गया कि कमलनाथ के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ा जाएगा. मध्य प्रदेश की 29 सीटों (Mission 29) पर जीत की जिम्मेदारी कमलनाथ के कंधों पर डाल दी गई है. इसी बीच मध्य प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने लोकसभा चुनाव को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जैसे परिणाम विधानसभा चुनाव में आए हैं,उसके बाद तो यही कहा जा सकता है कि विपक्ष को लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहिये.
बताया कि रहा है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली हार पर शुक्रवार (8 दिसम्बर) को दिल्ली में कांग्रेस की एक बड़ी समीक्षा बैठक रखी गई थी. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और शीर्ष नेता राहुल गांधी ने कमलनाथ के साथ मध्यप्रदेश के प्रभारी नेताओं के साथ चर्चा की. नेताओं ने सभी सीट की रिपोर्ट पेश की. बैठक में प्रदेश के नेताओं ने हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा. इसके साथ प्रत्याशियों के चयन पर भी सवाल उठा और यह भी कहा गया कि जिन पर चुनाव जिताने की जिम्मेदारी थी, उनमें से कई खुद हार गए. कुछ ने करीबियों को टिकट दिलाया और उन्हें जिताने का भरोसा दिया. लेकिन न तो वे जीत सके, न जिता सके. संगठन में कसावट लाने की बात जरूर कही गई.प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन पर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई. न ही कमलनाथ से इस्तीफा मांगा गया.
हाई लेवल की बैठक में हुआ फैसला
इसी हाई लेवल बैठक में तय किया गया कि पीसीसी चीफ कमलनाथ के नेतृत्व में लोकसभा का चुनाव लड़ा जाएगा. बैठक के बाद कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष पद को छोड़ने को लेकर चल रही अटकलों पर भी विराम लग गया है. हालांकि,पूर्व में यह खबर उड़ी थी कमलनाथ ने पीसीसी चीफ के पद से इस्तीफा दे दिया है. अब संकेत दिए गए हैं कि कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालते रहेंगे. इसी के साथ नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति जल्द करने के लिए जल्द ही पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे.
विधानसभा चुनाव के नतीजे को आए हुए भले ही सात दिन हो चुके हैं लेकिन कांग्रेस नेताओं में ईवीएम का खौफ अभी भी बना हुआ है.पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने कहा है कि ईवीएम को लेकर जिस तरह से शिकायतें आ रही हैं और जैसे परिणाम विधानसभा चुनाव में आए हैं, उसके बाद तो यही कहा जा सकता है कि विपक्ष को लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश के सभी विपक्षी दल जब यह मांग कर रहे हैं कि बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाना चाहिए तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार यह क्यों नहीं स्वीकार करती है.एक बार बैलेट से चुनाव कराए जाने के बाद अगर रिजल्ट में बदलाव नहीं होता तो ईवीएम से चुनाव कराया जा सकता है लेकिन इसके पहले सब की मांगों को नकारना उचित नहीं है.