MP POLITICS: एमपी में मालवांचल पर बीजेपी और कांग्रेस का ज्यादा फोकस, लोकसभा चुनाव के लिए क्या है प्लान?
MP News: मध्य प्रदेश में बीजेपी की राजनीति मालवांचल के आसपास केंद्रित होती जा रही है. इसके पीछे कई कारण माने जा रहे हैं. लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने भी बीजेपी को घेरने की तैयारी कर ली है.
Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव निपटने के बाद अब लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है. इसी तारतम्य में कांग्रेस ने भी बीजेपी को घेरने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. इंदौर के पूर्व विधायक जीतू पटवारी को कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस ने भी मालवांचल में अपनी जड़े मजबूत करने की कवायद तेज कर दी है.
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव निपटने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने मालवांचल को मुख्यमंत्री देकर प्रदेश की सियासत में बड़ा दांव खेल दिया. मालवांचल वही इलाका है जो पिछले 20 सालों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
इसी के चलते लोकसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री के रूप में डॉक्टर मोहन यादव की ताजपोशी की गई. इसके अलावा मालवांचल से ही जगदीश देवड़ा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है. अब बीजेपी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जीतू पटवारी को मैदान में उतार दिया है. कांग्रेस का मानना है कि उज्जैन और इंदौर संभाग की राजनीति के चलते पूरे मध्य प्रदेश की सियासत प्रभावित होगी. इसी वजह से सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस मालवांचल पर पैनी नजर रख रही है.
मध्य प्रदेश में 29 लोकसभा सीटों का गणित
मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीट है. इन पर कांग्रेस सोची समझी रणनीति के तहत अपना अच्छा प्रदर्शन करना चाहती है. यही वजह है कि कांग्रेस ने जहां एक तरफ पिछडा वर्ग के चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बीजेपी की रणनीति को कमजोर करने की कोशिश की है. वहीं दूसरी तरफ आदिवासी समुदाय का नेतृत्व कर रहे उमंग सिंगार को नेता प्रतिपक्ष बनाकर आदिवासी वोट बैंक पर भी नजर डाली है.
मालवांचल के उज्जैन से बीजेपी को 7 में से 5 सीट मिली, जबकि कांग्रेस ने यहां दो सीटों पर जीत हासिल की. इसी जिले से बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद पर मोहन यादव को मनोनीत किया है. इसी तरह आदिवासी वोट बैंक ने भी कांग्रेस को निराश नहीं किया. मिशन 2024 के चलते अब नई नियुक्तियों को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.