बालाघाट में लगातार जीत के बाद भी BJP ने बदले उम्मीदवार, जानें इस सीट का इतिहास
Balaghat Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव में बालाघाट में त्रिकोणीय मुकाबला है. बीजेपी ने भारती पारधी को बालाघाट सीट से टिकट दिया है. उनके सामने कांग्रेस ने सम्राट अशोक सरस्वार को उतारा है.
Balaghat Lok Sabha Elections 2024: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं. राज्य में चार चरण में मतदान होने हैं, जिनमें से पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को है. मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से एक है बालाघाट, जो महाकौशल रीजन की हॉट सीटों में से एक है. मूल रूप से बालाघाट को 'बुरहा' के नाम से जाना जाता है. बाद में इस क्षेत्र का नाम बदल कर 'बालाघाट' रख दिया गया.
बालाघाट का अर्थ है 'घाटों के ऊपर या पास'. बालाघाट सीट 1 नवंबर साल 1956 को मध्य प्रदेश का जिला बना. बता दें, बालाघाट लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बालाघाट और सिवनी जिले आते हैं.
बीजेपी का गढ़ है बालाघाट
जानकारी के लिए बता दें कि बालाघाट लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ है. साल 1998 से इस सीट पर बीजेपी ने कब्जा जमाया हुआ है. 26 साल और 6 बार से इस सीट पर बीजेपी की जीत हो रही है, जबकि इससे पहले 8 बार तक कांग्रेस का बालाघाट पर राज रहा था. इस सीट पर आखिरी बार कांग्रेस साल 1996 में जीती. 1998 से पहले इस सीट पर 8 बार कांग्रेस ही जीती थी.
बालाघाट लोकसभा चुनाव 2024 के उम्मीदवार
मालूम हो, आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में बालाघाट में त्रिकोणीय मुकाबला है. बीजेपी ने भारती पारधी को बालाघाट सीट से टिकट दिया है. उनके सामने कांग्रेस ने सम्राट अशोक सरस्वार को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं, दोनों को टक्कर देने के लिए मायावती की पार्टी बसपा से कंकर मुंजारे चुनावी मैदान में हैं.
बालाघाट में 5 लोकसभा चुनाव के नतीजे
महाकौशल की सीट बालाघाट पर बीते पांच चुनाव के नतीजे देखे जाएं तो बीजेपी ने यहां से लगातार जीत हासिल की है. साल 1999 में प्रहलाद पटेल बालाघाट से सांसद बने. इसके बाद 2004 में गौरीशंकर बिसेन पर बीजेपी ने भरोसा जताया, जिस पर वह खरे उतरे. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने केडी देशमुख को टिकट दिया और उन्होंने भी यहां से जीत हासिल की.
इसके बाद साल 2014 में बोध सिंह भगत बालाघाट से बीजेपी सांसद बने. साल 2019 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार ढाल सिंह बिसेन ने यहां से जीत हासिल की. अब इस बार के चुनाव के लिए बीजेपी ने भारती पारधी पर भरोसा जताया है.
इन आंकड़ों से साफ है कि बीजेपी ने बालाघाट की लोकसभा सीट पर कभी भी सिटिंग सांसद को दोबारा टिकट नहीं दिया. बालाघाट के बीजेपी उम्मीदवार हमेशा पार्टी के भरोसे पर खरे उतरे लेकिन पार्टी ने हर बार के चुनाव में सांसदों का टिकट काटा और नए उम्मीदवार को मौका दिया है.
बालाघाट में मतदाताओं की संख्या
दरअसल, बालाघाट लोकसभा सीट पर कुल 1,756,715 वोटर्स हैं, जिसमें साक्षरता दर लगभग 66.25% है. आंकड़ों के अनुसार, बालाघाट में ग्रामीण जनसंख्या 1,489,694 (84.8%) और शहरी जनसंख्या 267,021 (15.2%) है.
महिलाओं मतदाताओं की भूमिका ज्यादा
बता दें, बालाघाट में प्रति 1000 पुरुषों पर 1021 महिलाएं हैं. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में भी पुरुषों से ज्यादा महिलाओं के वोट पड़े थे.
बालाघाट में हिन्दू आबादी 92.88 फीसदी है. इसके अलावा, करीब 3.32 प्रतिशत बौद्ध, 0.3 प्रतिशत जैन और 3.5 फीसदी मुस्लिम जनसंख्या है. ऐसे में यहां जाति-आधारित मतदान एक प्रमुख कारक है. माना जा रहा है कि यहां एसटी और एससी वोट स्थानीय मुद्दों के मद्देनजर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बंट सकता है. हालांकि, यहां पर प्रमुख आबादी ओबीसी की है, जो यहां के किंगमेकर के तौर पर देखे जाते हैं. यह समूह बीजेपी के पक्ष में वोट करता है. इसलिए बालाघाट को बीजेपी का गढ़ कहा जाता है.