Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में दो महीने पहले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हाथों मिली करारी हार के बाद कांग्रेस (Congress) ने आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति पर विचार-विमर्श के लिए सोमवार (8 जनवरी) को भोपाल (Bhopal) में कई बैठकें कीं. पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि चुनाव और राजनीतिक मामलों की समितियों और लोकसभा सीट प्रभारियों, जिला प्रमुखों और पार्टी की विभिन्न शाखाओं के प्रमुखों सहित पदाधिकारियों की बैठकें यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित की गईं. इन बैठकों में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मध्य प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए.
मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल प्रभारी के.के. मिश्रा ने मीडिया को बताया कि पार्टी 18 से 24 जनवरी तक सभी विधानसभा क्षेत्रों में संगठन की बैठकें करेगी. एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि विधानसभा चुनाव में भितरघात की शिकायतों के बाद कांग्रेस इस हफ्ते अपनी अनुशासन समिति की बैठक करेगी. उन्होंने प्रदेश में हुई बैठक को लेकर कहाकि पार्टी नेताओं ने बैठकों के दौरान आगामी आम चुनावों की रणनीतियों के बारे में विस्तार से चर्चा की और नेताओं ने अपने विचार साझा किए.
9 जिलों से गुजरेगी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा'
पिछले नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 230 में से 163 सीटें जीतीं, जिससे कांग्रेस की सीटें घटकर 66 रह गईं. के.के. मिश्रा ने चुनाव और राजनीतिक मामलों की समितियों की बैठकों का जानकारी साझा करने से इनकार करते हुए कहा कि वह लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की रणनीतियों के इर्द-गिर्द थीं. उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी के जिला प्रमुखों और अन्य लोगों की बैठक में राज्य में राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' को सफल बनाने के तरीकों पर भी चर्चा हुई. यह यात्रा सात दिनों में मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, राजगढ़, आगर-मालवा, उज्जैन, रतलाम और झाबुआ होते हुए 700 किमी की दूरी तय करते हुए राज्य के नौ जिलों से होकर गुजरेगी.
हार से निराश नहीं हैं कार्यकर्ता- कमलनाथ
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बैठक के बाद कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता विधानसभा चुनाव परिणामों के कारण निराश नहीं हैं, बल्कि इसके विपरीत वह लोकसभा चुनावों का सामना करने के लिए उत्साहित हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बैठकों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के मुद्दे पर भी चर्चा की गई. गौरतलब है कि कांग्रेस हाल के चुनावों में अपने निराशाजनक प्रदर्शन के लिए ईवीएम को जिम्मेदार ठहराती रही है. बता दें 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने 29 में से 28 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल करके मध्य प्रदेश में कांग्रेस का लगभग सफाया कर दिया था. अब बीजेपी की तैयारी क्लीन स्वीप की है और कांग्रेस फिर से अपनी खोई हुई सीटें वापस हासिल करना चाहती है.