एमपी में पहले चरण की वोटिंग के लिए थम गया प्रचार, 6 सीटों पर 88 प्रत्याशी आजमा रहे किस्मत
MP Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में पहले चरण की वोटिंग के लिए चुनाव प्रचार का शोर आज शाम थम गया. पहले चरण में राज्य की हॉट सीट छिंदवाड़ा के साथ ही कुल 6 सीटों पर मतदान होगा.
MP Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मध्यप्रदेश के महाकोशल और विंध्य की 6 लोकसभा सीटों पर शुक्रवार 19 अप्रैल को वोटिंग होगी. इन सीटों पर आज बुधवार (17 अप्रैल) को चुनाव प्रचार थम गया. प्रथम चरण में महाकोशल-विंध्य की जबलपुर, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सीधी और शहडोल सीट पर कुल 88 उम्मीदवार मैदान में हैं. यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है.
छिंदवाड़ा और मंडला सीट पर प्रतिष्ठा की लड़ाई
यहां बताते चले कि मध्य प्रदेश की जिन 6 सीटों पर पहले चरण में वोट डाले जाएंगे, उनमें छिंदवाड़ा और मंडला में प्रतिष्ठा की लड़ाई है. छिंदवाड़ा में कांग्रेसी दिग्गज कमलनाथ अपना किला बचाने के लिए दिन-रात पसीना बहा रहे हैं. यहां से उनके पुत्र नकुलनाथ दूसरी बार संसद में पहुंचने के लिए अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. वहीं बीजेपी ने छिंदवाड़ा सीट पर जबरदस्त चक्रव्यूह तैयार करते हुए कमलनाथ का किला भेदने की भरपूर कोशिश की है.
चुनाव प्रचार की समय सीमा खत्म होने के एक दिन पहले मंगलवार (16 अप्रैल) को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छिंदवाड़ा में रोड शो करके बीजेपी की ताकत दिखाई. बता दें, बीजेपी ने छिंदवाड़ा सीट पर विवेक बंटी साहू को अपना उम्मीदवार बनाया है.
हालांकि, 6 माह पहले हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने छिंदवाड़ा की सभी सात सीटों पर कमलनाथ के नेतृत्व में विजय प्राप्त की थी. आजादी के बाद छिंदवाड़ा सीट पर सिर्फ एक बार 1997 के उपचुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. तब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को परास्त किया था. यहां से कमलनाथ नौ बार उनकी पत्नी अलका नाथ एक बार और पुत्र नकुल नाथ एक बार सांसद रह चुके हैं.
मंडला सीट पर कड़ा हुआ मुकाबला
इसी तरह मंडला सीट (आदिवासी आरक्षित) बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है.बी जेपी ने यहां से छह बार के सांसद और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को टिकट दी है. आदिवासी बहुल मंडला में सीट पर फग्गन सिंह कुलस्ते का मुकाबला कांग्रेस के चार बार के विधायक ओमकार सिंह मरकाम से है.
इस सीट पर बीजेपी की चिंता इस वजह से बढ़ी हुई है क्योंकि 6 माह पहले हुए विधानसभा चुनाव के दौरान फग्गन सिंह कुलस्ते को मंडला जिले की निवास सीट से हार का सामना करना पड़ा था. मंडला संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली आठ विधानसभा सीटों में से पांच पर कांग्रेस तो तीन पर बीजेपी का कब्जा है.
बालाघाट सीट पर त्रिकोणीय हुआ मुकाबला
आदिवासी बहुल बालाघाट सीट पर इस बार मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. यहां बीजेपी की भारती पारधी और कांग्रेस के सम्राट सारस्वर के साथ बीएसपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने मुकाबला रोचक बना दिया है. बालाघाट संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटों में से 4 पर बीजेपी और 4 पर कांग्रेस का कब्जा है.
सांसद हिमाद्री सिंह की विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को से टक्कर
विंध्य क्षेत्र की शहडोल संसदीय सीट भी आदिवासियों के लिए आरक्षित है. शहडोल लोकसभा में आठ सीटें है.नवम्बर 2023 के चुनाव में उसमें से सात पर बीजेपी और एक पर कांग्रेस की जीत हुई थी. पुष्पराजगढ़ से कांग्रेस के फुंदेलाल सिंह मार्को को विजय मिली थी. शहडोल लोकसभा सीट पर बीजेपी की वर्तमान सांसद हिमाद्री सिंह का मुकाबला कांग्रेस की एकमात्र विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को से है.
रीति पाठक की जगह राजेश मिश्रा पर बीजेपी ने खेला दांव
विंध्य क्षेत्र की सीधी लोकसभा सीट से बीजेपी ने इस बार डॉ. राजेश मिश्रा पर दांव खेला है तो वहीं कांग्रेस ने कमलेश्वर पटेल को चुनावी समर में उतारा है. साल 2019 के चुनावों में सीधी लोकसभा सीट से बीजेपी की रीति पाठक को बंपर जीत मिली थी. रीति पाठक ने कांग्रेस के अजय सिंह राहुल को करारी शिकस्त दी थी.
उन्होंने कुल 6 लाख 98 हजार 342 वोट हासिल किए थे जबकि कांग्रेस उम्मीदवार अजय सिंह को 4 लाख 11 हजार 818 वोट हासिल हुए थे. रीति पाठक के विधानसभा में चले जाने के कारण बीजेपी ने इस बार इस सीट पर एक अन्य ब्राह्मण चेहरा डॉ. राजेश मिश्रा को टिकट दिया है.
जबलपुर सीट पर 1996 से बीजेपी का कब्जा
वहीं जबलपुर संसदीय सीट की बात करें तो यहां साल 1996 से बीजेपी का कब्जा है. जबलपुर सीट पर बीजेपी ने इस बार नया चेहरा उतारा है. चार बार के सांसद राकेश सिंह के विधानसभा चुनाव जीतकर मंत्री बनने के बाद बीजेपी के गढ़ को बचाने की जिम्मेदारी पार्टी ने आशीष दुबे को सौंपी है. आशीष दुबे का मुकाबला कांग्रेस के दिनेश यादव से है, जिन्हें पार्टी ने ओबीसी कार्ड खेलते हुए मैदान में उतारा है.
बता दें कि लोकसभा चुनाव को लेकर जबलपुर जिला प्रशासन की तैयारियां पूरी हो चुकी है. गुरुवार 18 अप्रैल की सुबह पुलिस व्यवस्था के साथ मतदान दल जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय से रवाना होगा.
जबलपुर के चुनाव पर एक नजर
• कुल प्रत्याशी - 19
• कुल मतदान केंद्र -2139
• कुल मतदाता - 1894304
• पुरुष मतदाता - 961997
• महिला मतदाता - 932212
• अन्य मतदाता - 95
• जेंडर अनुपात - 970
• नवीन मतदाता - 38459
• वरिष्ठ मतदाता (85+) - 6666
• दिव्यांग मतदाता - 22241
• सेक्टर - 170
• वल्नरेबल मतदान केंद्र - 15
• क्रिटिकल मतदान केंद्र - 482
• पुलिस बल तैनाती - 8000 (लगभग)
• प्रशासनिक कर्मचारी - 15000 (लगभग)
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