Agar Malwa News: मध्य प्रदेश के आगर मालवा में मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर रमेश चंद्र कुरील को लोकायुक्त पुलिस ने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. आरोपी सीएमएचओ ने संविदा चिकित्सक की अच्छी रिपोर्ट बनाने के नाम पर 20 हजार की रिश्वत मांगी थी. सौदेबाजी के बाद 10 हजार रुपये घूस के तौर पर देने की बात तय हुई थी. इसके बाद पीड़ित चिकित्सक ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस से की.


क्या कहना है लोकायुक्त पुलिस का


लोकायुक्त डीएसपी सुनील तालान ने बताया कि लोकायुक्त एसपी उज्जैन को आगर मालवा में पदस्थ डॉक्टर भगवानदास राजोरिया की ओर से शिकायत मिली थी. डॉक्टर राजोरिया ने बताया था कि वे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत संविदा के रूप में आगर मालवा में पदस्थ हैं. यहां पर कार्य की अच्छी रिपोर्ट बनाने और परेशान नहीं करने के नाम पर मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी रमेशचंद्र कुरील उनसे 20 हजार की रिश्वत मांगी गई है. लोकायुक्त पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल कर शिकायत के बारे में पूरे तथ्य एकत्रित किए. इसके बाद शुक्रवार सुबह जाल बिछाकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दस हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया. निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. आरोपी चिकित्सक को गिरफ्तार करने के बाद जमानत पर रिहा भी कर दिया गया है.


'यदि रिश्वत नहीं दी तो काम नहीं कर पाओगे'


डॉक्टर भगवान दास राजोरिया स्वास्थ्य विभाग में मध्य प्रदेश के कई जिलों में चिकित्सक के पद पर सेवाएं दे चुके हैं. वे सेवानिवृत्ति के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में जुड़कर संविदा के आधार पर काम कर रहे थे. इस दौरान सीएमएचओ डॉ कुरील की ओर से उन्हें बार-बार चेतावनी दी जा रही थी. डॉक्टर कुरील ने धमकी दी थी कि यदि उन्होंने रिश्वत की रकम नहीं दी तो वे उनका रिकॉर्ड खराब कर देंगे.इसके बाद उनकी नौकरी चली जाएगी. इस बात को लेकर 20 हजार की रिश्वत मांगी गई थी. पूरा मामला सौदेबाजी के बाद 10 हजार रुपये की रिश्वत पर आकर अटक गया.


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