Heat Wave Natural Disaster: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अब लू की लपटों को प्राकृतिक आपदा की लिस्ट में शामिल कर लिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश के आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत लू को स्थानीय आपदा के रूप में अधिसूचित कर लिया है. अब हीट वेव से मौत पर प्राकृतिक आपदा के तहत ही मुआवजा दिया जाएगा. 


राज्य सरकार की नई अधिसूचना साल 2025 की गर्मियों से लागू हो जाएगी. बाढ़, भूकंप और आकाशीय बिजली से प्रभावित व्यक्ति को मिलने वाली सहायता राशि जितनी आर्थिक मदद अब लू से पीड़ित या मृत व्यक्ति को भी मिलेगी.


एमपी के नागरिकों को मिलेगी राहत
इस आदेश के जरिये मध्य प्रदेश सरकार का इरादा है कि बढ़ती गर्मी और जलवायु परिवर्तन के चलते परेशान होने वाले लोगों को मदद पहुंचाई जा सके. अब तक 'लू' एक प्राकृतिक आपदा नहीं मानी जाती थी, लेकिन अब इसे डिजास्टर की कैटेगरी में रखा जाएगा. माना जा रहा है कि सरकार के इस निर्णय से एमपी वासियों को बड़ी राहत मिलेगी. 


लू से बचना बेहद जरूरी
गौरतलब है कि पिछले कुछ साल से लू का असर जानलेवा हो रहा है. जलवायु परिवर्तन के बीच भीषण गर्मी और भीषण सर्दी में लोगों की परेशानियां बढ़ने लगी हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि लू से कैसे बचना होगा. इसके लिए लोगों को अपनी इम्यूनिटी पर ध्यान देना जरूरी है. वहीं, लू के समय भरी दोपहर में केवल जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलना चाहिए, कोशिश करनी चाहिए कि 12 बजे से शाम 4 बजे तक सड़कों पर न रहें. इसके अलावा, फील्ड जॉब वालों को ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यक्ता है. पानी या कोई भी तरल पदार्थ पीते रहना चाहिए, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो.


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