Lord Jagannath Rath Yatra In Indore: मध्य प्रदेश के इंदौर में रविवार (7 जुलाई) को भगवान जगन्नाथ की यात्रा धूमधाम से निकाली गई. इस साल इंदौर में छत्रीबाग मंदिर से रथ यात्रा निकाली गई. भक्ति और उत्साह के साथ निकाली गई भगवान जगन्नाथ की इस रथ यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. शाम 4 बजे सबसे पहले भगवान जगन्नाथ को चावल के बर्तन अर्पित किए गए और फिर लोगों को प्रसाद वितरित किया गया.


इसके बाद भगवान जगन्नाथ नगर भ्रमण के लिए निकले. इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए उमड़े. सैकड़ों पुजारियों के साथ हजारों श्रद्धालुओं ने उत्साह के साथ भगवान के जयकारे लगाए. भगवान को स्नान कराकर नए वस्त्र पहनाए गए और फिर लोगों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकल पड़े.


करीब 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने खींचा रथ


इधर, कृषि विहार, महू “जगन्नाथ-धाम” में स्थित जगन्नाथ मंदिर से महाप्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र, एवं बहन सुभद्रा को सुंदर सुसज्जित रथ पर विराजित कर रथ यात्रा पूर्ण पारंपरिक और भक्ति भाव के साथ निकाली गई. महाप्रभु के रथ को कई प्रकार के सुन्दर पुष्पों से सजाया गया और भगवान का भव्य श्रृंगार किया गया. भक्तों में इस बार रथयात्रा के प्रति विशेष श्रद्धा और उत्साह देखने को मिला. जगन्नाथ मंदिर को भी सुन्दर आकर्षक शैली में सजाया गया था. इक्कीस पताकाओं से मंदिर को अलंकृत किया गया. 


25 डमरू वादक बढ़ा रहे थे रथयात्रा की भव्यता


महाप्रभु के रथ को प्राचीन परम्परागत शैली में रथयात्रा के पहले स्वर्ण झाड़ू से बुहारा जाता है और इस परम्परा का निर्वाह जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी डॉ. अशोक मोहन्ती की ओर से पूर्ण श्रद्धा एवं भक्ति के साथ किया गया. को
रथ यात्रा में महादेव के रूप को धारण कर शिव महिमा को प्रदर्शित किया गया, जो विशेष आकर्षण का केंद्र था. हनुमान जी भी अपने विशाल स्वरूप में रथ यात्रा में साथ चलते हुए भक्ति भाव का प्रदर्शन कर रहे थे. साथ ही पच्चीस डमरू वादक अपने हाथ में डमरू को लेकर उसे बजाते हुए ध्वनि उत्पन्न करते हुए चल रहे थे, जो कि रथयात्रा की भव्यता को कई गुणा बढ़ा रहा था. 


आठ दिनों के लिए रहेगा निवास


बड़ी संख्या में भक्तगण अपने हाथों से रथ की रस्सी को खींचते हुए अपने को धन्य समझते हुए गौरव का अनुभव कर रहे थे. रथ यात्रा जगन्नाथ धाम से निकलकर मुख्य मार्ग से होती हुई किशनगंज स्थित अपने मौसी के घर मां कालिका के मंदिर पर पहुंची, जहां पर महाआरती के बाद महाप्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा को पूर्ण आदर और भक्ति के साथ विराजित किया गया. 


इस मंदिर में इनका निवास आठ दिनों के लिए रहेगा. नौवें दिन वापसी यात्रा जिसे बाहुड़ा यात्रा भी कहते हैं 15 जुलाई 2024 सोमवार को संपन्न होगी. ये कालिका मंदिर से शुरु होकर कृषि विहार स्थित जगन्नाथ धाम तक होगी, जिसके अंतर्गत प्रभु जगन्नाथ वापिस जगन्नाथ-धाम लौटेंगें.


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