भगवान श्री गणेश को एकदंत दयावंत और चार भुजा धारी के नाम से जाना जाता है लेकिन धार्मिक नगरी उज्जैन में श्मशान घाट में विराजित भगवान श्री गणेश दस भुजा धारी हैं. यह मंदिर विश्व में एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान श्री गणेश के हाथों में लड्डू नहीं बल्कि दस अलग-अलग विद्या विराजित है. इस गणेश मंदिर को लेकर लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. 


आमतौर पर श्मशान घाट पर महिलाओं का जाना वर्जित रहता है मगर उज्जैन के दस भुजा धारी गणेश के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं प्रतिदिन चक्रतीर्थ पर पहुंचती है. दस भुजा धारी गणेश मंदिर के पुजारी हेमंत इंगले के मुताबिक यह विश्व का एकमात्र गणेश मंदिर है जिसे तांत्रिक गणेश के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर में दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.


यहां पर चार और पांच बुधवार की मन्नत लेकर बाहर के श्रद्धालु आते हैं और उनकी सारी मनोकामना भगवान श्री गणेश पूरी करते हैं. पुजारी हेमंत इंगले के मुताबिक भगवान को प्रति बुधवार अलग-अलग प्रकार के श्रृंगार से सजाए जाता है. देशभर के गणेश मंदिरों में भगवान श्री गणेश का हाथों में लड्डू नजर आता है लेकिन यहां पर भगवान के 10 हाथों में से एक में भी लड्डू नहीं है बल्कि वीणा, करताल, शंख आदि विधाएं हैं. 


रक्षा सूत्र बांधकर मांगी जाती है मन्नत


भगवान श्री गणेश के मंदिर में रक्षा सूत्र बांधकर मन्नत मांगी जाती है जब मन्नत पूरी हो जाती है तो श्रद्धालु रक्षा सूत्र खोलकर भगवान के चरणों में शीश नवाता है. यहां पर देशभर के श्रद्धालु भगवान के सामने अपनी मनोकामना को लेकर रक्षा सूत्र बांधने आते हैं. 


उल्टा स्वास्तिक बनाने की भी परंपरा


दस भुजा धारी गणेश मंदिर में महिलाएं अपने मन ना तो को लेकर उल्टा स्वास्थ्य बनाती हैं जब उनके मन्नत पूरी हो जाती है तो फिर सीधा स्वास्तिक बनाकर भगवान के चरणों में प्रणाम किया जाता है. इसके अलावा श्रद्धालु अपनी श्रद्धा के अनुसार भगवान को फूल प्रसाद भी अर्पित करता है. 


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