Lampi Virus: मध्य प्रदेश में तेजी से पांव पसार रहा लंपी वायरस, अब तक 11 जिलों में हुई पुष्टि
पशुओं को लंपी वायरस के कहर से बचाने में सहायक टीका और दवा की मदद ली जा रही है. पशुपालन एवं डेयरी विभाग के संचालक डॉ आर के महिया ने बताया कि 11 जिलों से फीडबैक लिया जा रहा है.
मध्य प्रदेश (MP) के 11 जिलों में अभी तक लंपी वायरस (Lampi Virus) की पुष्टि हो चुकी है. 11 जिलों में 2542 संक्रिमत पशुओं की पहचान हुई है. लंपी स्किन डिजीज की चपेट में आनेवाले पशुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. गुजरात (Gujarat) और राजस्थान (Rajasthan) के बाद मध्य प्रदेश के मालवा बेल्ट (Malwa Belt) में लंपी वायरस की पुष्टि हो रही है. पशुओं में लंपी स्किन डिजीज को देखते हुए पशुपालन एवं डेयरी विभाग (Animal Husbandry and Dairy Department) सक्रिय हो गया है.
सहायक टीका और दवा की मदद से टाला जा रहा खतरा
पशुओं को लंपी वायरस के कहर से बचाने में सहायक टीका और दवा की मदद ली जा रही है. पशुपालन एवं डेयरी विभाग के संचालक डॉ आर के महिया ने बताया कि 11 जिलों से फीडबैक लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में लंपी वायरस की चपेट में आकर अभी तक 28 पशुओं की मौत हो चुकी है. पशुपालन एवं डेयरी विभाग का कहना है कि लंपी स्किन डिजीज के मामले सबसे ज्यादा मालवा बेल्ट से उजागर हुए हैं. मालवा बेल्ट में उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, इंदौर, नीमच, बैतूल, खंडवा, झाबुआ, धार, अलीराजपुर और बुरहानपुर जिले शामिल हैं.
अब तक 11 जिलों के 2542 पशु लंपी वायरस की चपेट में
अभी तक 2542 पशुओं में लंपी वायरस की पुष्टि हो चुकी है. संक्रमित पशुओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बताया जाता है कि
पिछले 20 दिनों में लंपी वायरस का असर अधिक बढ़ा है. डॉ आर के महिया ने कहा कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग पशुओं को लंपी स्किन डिजीज से बचाने का भरपूर प्रयास कर रहा है. आम तौर पर पशुओं में होने वाली लंपी स्किन डिजीज एक संक्रामक बीमारी है. बहुत तेजी से फैलनेवाली बीमारी के वाहक मच्छर, मक्खी और जूं हैं. लंपी स्किन डिजीज दूषित भोजन से भी जानवरों में फैलती है.
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