Lumpy Virus In Khandwa: देश के कई हिस्सों में फैले लंपी वायरस के चलते खंडवा (Khandwa) जिले में अब तक आठ गायों की मौत हो चुकी है. यहां पशुपालन विभाग के सीमित संसाधनों साथ स्थानीय गौ सेवक और किसान भी स्वयं एहतियात बरत रहे हैं. प्रदेश के पशुपालन मंत्री ने साफ कर दिया कि लंपी वायरस के मामले में सरकार पूरी व्यवस्था मुहैया करा रही है, इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. खंडवा जिले में लंपी वायरस का ज्यादा असर पंधाना विकासखंड में देखा जा रहा है ,यहां अभी तक 7 गायों की मौत हो चुकी है. खालवा विकासखंड में भी इस वायरस से एक गाय की मौत हुई है. लगभग 1 माह पूर्व से पशुपालन विभाग ने यहां के 10 पशुओं के सैंपल लैबोरेट्री भेजे थे. जिसके बाद से ही इस वायरस पर नियंत्रण करने के प्रयास शुरू कर दिए थे. जिन क्षेत्रों में इस वायरस के कारण गौवंश की मौत हुई है उनके शव को जमीन में गड्ढा खोदकर दफनाया जा रहा है.
पशुपालन मंत्री ने कही ये बात
निजी प्रवास पर खंडवा पहुंचे पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा है कि सरकार लंपी वायरस के रोकथाम के लिए पूरे प्रयास कर रही है. पशुपालन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने जिले में अभी तक 13000 पशुओं को टीके लगाए हैं, हालांकि यह टीकाकरण उन्हीं क्षेत्रों में किया जा रहा है जहां पर वायरस का प्रभाव देखा गया. मंत्री पटेल ने कहा कि इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. पशुपालन विभाग वायरस के लक्षण पाए जाने वाले क्षेत्रों में ही टीकाकरण कर रहा है. वायरस के बचाव के लिए यहां के गौशाला संचालकों ने अपने स्तर पर बचाव के प्रयास किए है.
कई जगहों पर टीकाकरण और दवा का छिड़काव
खंडवा की सबसे बड़ी और पुरानी गणेश गौशाला में लंपी के दस्तक के पहले ही यहां की संचालक समिति ने दवा का छिड़काव करवाने के साथ ही यहां बाहर से आने वाले नए गौवंश पर रोक लगा रखी. इसी के चलते इस गौशाला में एक भी मामला सामने नहीं आया है. यहां गौ पालकों और गौशाला संचालकों की मांग है कि सभी गोवंश को टीके लगाए जाए, जिससे वह इस बीमारी से बच सके. लंपी वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने पहले ही पशु हाट बाजारो पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही खंडवा जिले में पशुओं के परिवहन पर भी रोक लगा रखी है. पशुपालन विभाग वायरस के प्रकोप वाले क्षेत्र में बचाव के साथ ही टीकाकरण भी कर रहा है.