Sehore News : प्रदेश के देवास जिले में रेत कंपनी सरकार को करोड़ो का चूना लगा रही है. जिले में परम कंपनी ने रेत के ठेके लिए हैं. लेकिन कंपनी सरकार को किस्ते नहीं भर रही है. सूत्रों की माने तो कंपनी पर करोड़ो रुपए बकाया हैं. जिसके चलते माइनिंग कारपोरेशन ने जिले की ईटीपी बंद कर दी है. कंपनी स्टॉक की आड़ में जमकर अवैध खनन कर रही हैं. कंपनी बिना राजस्व चुकाए रोजाना नर्मदा से सैकड़ो ट्रक रेत निकाल रही है.
जलपरी पनडुब्बी से निकली जा रही रेत
रेत माफिया नर्मदा में जलपरी पनडुब्बी से पाइप के सहारे रेत निकाल रहे हैं. इतना ही नहीं माफियाओं ने नर्मदा नदी में रास्ते बना लिए हैं. जिसके सहारे बीच नर्मदा से पोकलेन से रेत निकाली जा रही है. यहां से हर रोज दर्जनों वाहन रेत से भरकर बेरोकटोक निकल रहे हैं. देवास जिले की खदानों का ठेका संचालित करने वाली कंपनी ने सरकार को रॉयल्टी का पैसा जमा नहीं दिया है. जिसके चलते माइनिंग कोर्पोरेशन ने रेत खदान के पोर्टल बंद कर दिया हैं. सूत्रों की मानें तो कंपनी पर सरकार का करोड़ो रुपए बकाया है. इसके बावजूद रेत ठेकेदार प्रशासन के साथ साठगांठ कर स्टॉक की आड़ में चोरी छिपे नर्मदा से रेत निकाल रहे हैं.
सीहोर जिले में भी किया रेत का खनन
देवास जिले के ठेकेदार के हौसले इतने बुलंद है कि उसने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विधान सभा में भी अवैध खदानों को नहीं छोड़ा है. देवास जिले से लगी छीपानेर की अवैध खदान से हजारो डंफर रेत निकाल चुकी है. सीहोर कलेक्टर और एसपी की सख्ती के बाद कल से अवैध उत्खनन पर रोक लगी है. देवास के माफियाओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा के कुछ कद्दावर नेताओं से अच्छे संबंध बना लिए हैं. उन्हीं के दम पर सीहोर और देवास की सीमा की रेत खदान पर ठेकेदारों का आतंक हैं. इतना ही नहीं ठेकेदार अधिकारियों और पत्रकारों को मुख्यमंत्री निवास की धौंस भी दिखातें हैं.
विवादित अधिकारी आरिफ खान को जिले की कमान
खनिज विभाग ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के विपरीत खनिज महकमे में सबसे विवादित अधिकारी मोहम्मद आरिफ खान को जिले की कमान सौंपी है. माइनिंग अधिकारी पहले भी मुख्यमंत्री के गृह जिले की अवैध उत्खनन में बदनामी कर चुके हैं. आरिफ खान जियोलॉजिस्ट हैं, नियम के विपरीत उन्हें खनिज अधिकारी बनाया गया हैं. आरिफ खान अपनी पॉवर के दम पर नर्मदा किनारे वाले जिले में पोस्टिंग कराने में सफल हुए हैं. सूत्र बताते हैं कि उन्हीं के संरक्षण में देवास जिले में अवैध रेत उत्खनन का कारोबार फल फूल रह हैं.
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