Jabalpur News: मध्य प्रदेश में हो रही तेज बारिश का असर महाकौशल में भी देखने को मिल रहा है. जल स्तर को कंट्रोल करने के लिए सोमवार को जबलपुर के बरगी बांध के 13 गेट खोले जाने के बाद एक लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी छोड़ा गया, इससे जबलपुर से लेकर होशंगाबाद तक नर्मदा के तट डूब गए हैं. बरगी डेम के 13 गेट खुलने के बाद मंगलवार सुबह नर्मदा तट ग्वारीघाट के सभी घाट डूबे रहे और सभी मंदिर जलमग्न हो गए.
आलम ऐसा रहा कि नर्मदा घाट जाने वाली रोड तक पानी आ गया जिसके बाद सभी अस्थाई दुकानों को ऊपर शिफ्ट किया गया. सुरक्षा के मद्देनजर होमगार्ड के जवानों की टीमों को घाटों पर तैनात किया गया है. वहीं श्रद्धालुओं को गहरे पानी से दूर रहने की सलाह दी गई है.
जरूरत पड़ने पर खोले जा सकते हैं और गेट
गौरतलब है कि बरगी बांध के कैचमेंट एरिया अमरकंटक, डिंडोरी और मंडला में हो रही तेज बारिश का असर बांध की क्षमता पर पड़ रहा है. बरंगी बांध के जलद्वारों को खोलते समय इसका जलस्तर 421.40 मीटर दर्ज किया गया था. गर केचमेंट एरिया में बारिश लगातार जारी रहती है तो गेटों की ऊंचाई को बढ़ाया जा सकता है या जरूरत पड़ने पर और भी गेट खोले जा सकते हैं.
पानी छोड़े जाने का नजारे देखने पहुंचे सैकड़ों लोग
बहरहाल बांध से पानी छोड़े जाने का असर सभी निचले जिलों में पड़ रहा है जिसमें जबलपुर, सिवनी, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, मंदसौर, रायसेन शामिल हैं. इधर जबलपुर में नर्मदा घाट में पानी बढ़ने के बाद नर्मदा दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं ने विहंगम दृश्य का आनंद लिया और अपनी तस्वीरों को सेल्फी के जरिए कैद भी किया.
यह भी पढ़ें:
Khandwa news: खंडवा रेलवे स्टेशन पर लिफ्ट में फंसा गया परिवार, 4 घंटे बाद सुरक्षित निकाला गया
Raisen Rain: रायसेन में 24 घंटे में बरसा साढे छह इंच पानी, खतरे के निशान पर बह रही है नर्मदा