Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में मरे हुए व्यक्तियों को पेंशन योजना की राशि दिये जाने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, सामाजिक न्याय और निःशक्तजन कल्याण संचालनालय विभाग भोपाल के द्वारा डिंडौरी जिले के समस्त पेंशनधारियों का भौतिक सत्यापन कराया गया है, जिसमें सैंकड़ों पेंशनधारी मृत पाये गए हैं. भौतिक सत्यापन में सैंकड़ों की तादात में मृत हितग्राहियों को पेंशन योजना की राशि जारी किये जाने के खुलासे के बाद जिले में हड़कंप मचा हुआ है. जानकारी के मुताबिक करीब दो करोड़ रुपये की राशि अब तक मृत हितग्राहियों के बैंक खातों में जमा कराई जा चुकी है जिसकी वसूली के लिए सामाजिक न्याय विभाग भोपाल के द्वारा आदेश जारी किये गए है. इसी आदेश के आधार पर जिले के जिम्मेदारों ने ग्राम पंचायत के सचिवों को सात दिन के अंदर राशि जमा करने का फरमान जारी किया गया है.


करंजिया में  665 पेंशनधारी मृत पाये गए
बताते है कि अकेले जनपद पंचायत करंजिया के 42 ग्राम पंचायतों में 665 पेंशनधारी मृत पाये गए हैं. इनके बैंक खातों में पिछले एक साल से बाकायदा पेंशन योजना की राशि जमा कराई जा रही थी. यहां मृत पेंशनधारियों के बैंक खातों में 43 लाख 2 हजार रुपये जमा किये गए. मृत पेंशनधारियों के परिजन से जब इस मामले में बात की गई तो उनका कहना है की संबंधित व्यक्ति की मृत्यु के बाद ग्राम पंचायत कार्यालय के द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया है और बैंक खातों को बंद करवा दिया गया था. रूसा गांव में रहने वाली जमुना बाई के पति सुपहिया सिंह की मृत्यु 27 मई 2021 को हो चुकी है. 


जारी की गई राशि 2 करोड़ रुपये है
दरअसल जमुना मृत्यु प्रमाण पत्र भी दिखाती है लेकिन पेंशन योजना के दस्तावेजों में नाम नहीं हटाये जाने के कारण एक साल पहले मर चुके सुपहिया के बैंक खाते में अभी भी पेंशन योजना की राशि आ रही है. जिसकी जानकारी उनकी पत्नी को नहीं है. जमुना बाई बताती हैं कि उन्होंने पति की मौत के बाद उनके बैंक खाते को बंद करवा दिया था. रूसा गांव के ही नरेश तेकाम बताते हैं कि उनके पिता पीताम्बर सिंह को शासन से हर महीने 600 रूपये पेंशन मिलती थी लेकिन उनकी मौत के ठीक बाद उन्होंने पिता के बैंक खाते को बंद करवा दिया था. दस्तावेजों के मुताबिक मृतक पीताम्बर सिंह के बैंक खाते में एक साल से पेंशन योजना की राशि आ रही है. वहीं जिले की अन्य छह जनपदों के 323 ग्राम पंचायतों में यह आंकड़ा हजारों में है और कुल जारी की गई राशि 2 करोड़ रुपये है.


परिजनों का कहना है कि खाता बंद हो चुका है
शासन की पेंशन योजना में बड़ी लापरवाही उजागर होने के बाद करंजिया जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बी एस मरावी अपनी जिम्मेदारियों से बचते हुए ग्राम पंचायत के सचिवों पर गलती का ठीकरा फोड़ रहे हैं. मरावी का कहना है की मृत पेंशनधारियों से संबंधित जानकारी ग्राम पंचायत सचिवों के द्वारा समय पर अपडेट नहीं किया गया, जिसके कारण ये स्थिति बनी है. मुर्दों को पेंशन योजना की राशि जारी करने के मामले में स्थानीय विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम ने इसे गुड गवर्नेंस की विफलता बताते हुए जिले के दोषी अफसरों पर कारवाई की मांग की है.