MP Ayurvedic Doctor Strike: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के 3000 आयुर्वेदिक के जूनियर डॉक्टर इन दिनों अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. डॉक्टरों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 86 बार सरकार का ध्यान आकर्षित करवाया, लेकिन जब मांग पूरी नहीं हुई तो डॉक्टर सड़क पर उतर गए.
दरअसल मध्य प्रदेश के अलग-अलग आयुर्वेदिक कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर पिछले लंबे समय से अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. उज्जैन के आयुर्वेदिक अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर इस बात से नाराज है कि सरकार ने उनकी मांगों पर अभी तक विचार तक नहीं किया. डॉक्टर शुभम त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश भर में लगभग 3000 ऐसे इंटर्न और जूनियर डॉक्टर हैं, जो प्रभावित हो रहे हैं. उनके द्वारा लगातार मांग उठाई जा रही है, मगर सरकार ने अभी तक मांगों पर विचार नहीं किया.
सिर्फ 7000 के मासिक स्टाईपेंड से नाराज हैं जूनियर चिकित्सक
डॉक्टर त्रिपाठी के मुताबिक सबसे पहले तो स्टाईपेंड बढ़ाए जाने की मांग सरकार से की गई है. वर्तमान में उन्हें काफी कम स्टाईपेंड मिल रहा है. यह रकम बताने में भी संकोच होता है. उन्हें प्रतिमाह ₹7000 दिया जा रहा है जबकि एमबीबीएस इंटर्न को ₹12000 मासिक स्टाईपेंड दिया जाता है. इसके अलावा आयुर्वेदिक कॉलेजों को जबलपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध किया गया है. आयुर्वेदिक महाविद्यालयों का अलग विश्वविद्यालय होना चाहिए. यह भी प्रमुख रूप से मांग उठाई गई है. जबलपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध होने की वजह से उनके परीक्षाएं काफी प्रभावित हो रही हैं. पूर्व में भी कई बार मांग को उठाया गया लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. जूनियर डॉक्टर आयुर्वेदिक इंटर्न को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) से भी जुड़े जाने की मांग उठा रहे हैं. उनका कहना है कि सीपीआई से एमबीबीएस इंटर्न को पूर्व में ही जोड़ दिया गया है.
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से कामकाज प्रभावित
मध्य प्रदेश के 3000 जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से कामकाज थोड़ा प्रभावित जरूर हो रहा है, लेकिन हड़ताल कर रहे जूनियर चिकित्सक इस बार आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं. चिकित्सकों का यह भी कहना है कि उनके आंदोलन से अधिक फर्क नहीं पड़ रहा है, क्योंकि वरिष्ठ चिकित्सक लगातार सेवाएं दे रहे हैं.