Adulterated Milk Test News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मिलावट से मुक्ति अभियान की शुरुआत हो गई है. इस अभियान के दौरान खास तौर पर मिलावटी और नकली दूध (Synthetic Milk) बेचने वालों पर नकेल कसी जा रही है. दूध से बने उत्पाद के भी सैंपल लिए जा रहे हैं. लोगों को भी 10 रुपये लेकर प्रयोगशाला के माध्यम से बताया जा रहा है कि वे सही या मिलावटी दूध का सेवन कर रहे हैं.



लंबे समय से चल रहा है मिलावटखोरी का धंधा


दरअसल, मध्य प्रदेश में नकली दूध कई सालों से लोगों की सेहत पर बुरा असर डाल रहा है. मिलावटी दूध और उससे बने उत्पादों को लेकर हमेशा से सरकार की ओर से समय-समय पर अभियान चलाए जाते रहे हैं, लेकिन मिलावट खोर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. यही वजह है कि एक बार फिर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है.

सजा व दंड दोनों का है प्रावधान


इस अभियान में काफी तेज कार्रवाई की जा रही है. आयुक्त खाद्य सुरक्षा ने जानकारी देते हुए बताया कि अभियान के तहत जांच टीम ने एक ही दिन में दूध और दूध से बने उत्पादों के 1148 नमूने लिए. इनमें 206 लीगल, 66 सर्विलेंस, 207 चलित प्रयोगशाला, 669 नमूने मैजिक बॉक्स से लिए गए हैं. मिलावटी दूध बेचने पर सजा और आर्थिक दंड दोनों का प्रावधान है.

इन जिलों में चलित खाद्य प्रयोगशाला

मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान में चलित प्रयोगशाला काफी मददगार साबित हो रही है. मध्य प्रदेश के भोपाल, खंडवा, इंदौर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, उज्जैन, नीमच, ग्वालियर में चलित खाद्य प्रयोगशाला के माध्यम से मिलावटखोरों पर लगाम कसी जा रही है. इसके अलावा गुना, सागर, रीवा, मुरैना, भिंड, नर्मदा पुरम, शहडोल में भी खाद्य प्रयोगशाला संचालित की जा रही है. इन प्रयोगशाला पर जाकर ₹10 की रसीद कटवा कर अपने घर में आए उत्पादों की मिलावट की जांच कराई जा सकती है.

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हो चुकी है कार्रवाई

वैसे तो मध्य प्रदेश के कई जिलों में मिलावटी दूध और दूध से बने उत्पादों का गोरखधंधा चल रहा है, लेकिन भिंड और मुरैना में विशेष रूप से मामले सामने आ चुके हैं. मिलावटी दूध बेचने वालों पर सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी कार्रवाई कर चुकी है. इसके बाद भी नकली व मिलावटी दूध और उससे बने उत्पादों की खबरों का गोरखधंधा बदस्तूर जारी है. इस पर नकेल कसने के लिए एक बार फिर सरकार ने कमर कस ली है.


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