Nag Panchami 2022: तीस साल बाद एक बार फिर शिवयोग में नाग पंचमी का पर्व आ रहा है. इस दिन पूजा अर्चना कर भाग्योदय करने का योग है. पंडे-पुजारी घर से लेकर मंदिर तक सभी स्थानों पर पूजा का शुभ फल होने की बात बता रहे हैं. सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी कहा जाता है. नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा का विशेष विधान है. ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डिब्बावाला के मुताबिक 30 साल में पहली बार शिवयोग के दौरान नाग पंचमी आ रही है. यह दुर्लभ संयोग है. इस दिन भगवान की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है. 


कालसर्प दोष का निवारण
पंडित अमर डब्बावाला के मुताबिक नाग देवता और भगवान शिव की एक साथ तपस्या कर कालसर्प दोष का निवारण भी इसी दिन किया जा सकता है. श्रद्धालुओं को मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करना चाहिए. शिव मंदिर में ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए भगवान शिव का दूध, दही, शहद, जल से अभिषेक किया जाना उत्तम रहेगा. इसी प्रकार भगवान नाग देवता का भी पंचांग पूजन शुभ फल देगा.


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घर में कर सकते हैं पूजा
पंडित डब्बावाला के मुताबिक जो श्रद्धालु मंदिर जाने में भी असमर्थ हैं, वह अपने घर पर सफेद कागज पर नाग देवता की तस्वीर बनाकर उसकी पूजा भी कर सकते हैं. इसके लिए घर में गंगाजल से छिड़काव के बाद ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए नाग देवता का पूजन किया जा सकता है. इसके शुभ फल भी आने वाले भविष्य में जातक को मिलेंगे. 


राशि पर पड़ेगा प्रभाव
गुरु की दशा बदलने के बाद अब नाग पंचमी से अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ने वाला है. इसमें मेष, मिथुन, सिंह, तुला इन राशि वाले लोग कार्य में प्रगति के लिए नए निवेश की योजना बना सकते हैं. वृषभ, कर्क, कन्या, धनु, मकर और मीन राशि वालों के लिए इस दिन विशेष पूजा करने का समय है. बाधा निवृत्ति के लिए सर्प सूक्त संस्कृत के 11-11 पाठ करें.


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