Madhya Pradesh News: टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रो (Javelin throw) गोल्ड मेडल जीतकर नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) खिलाड़ियों को नई दिशा दे दी है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में जैवलिन थ्रो (Javelin throw) की तरफ खिलाड़ियों का आकर्षण तेजी से बढ़ रहा है. कॉलेज ही नहीं बल्कि स्कूल के विद्यार्थी भी जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा की तरह नाम कमाना चाहते हैं.
युवाओं को मिली नई दिशा
अगर चार साल पहले की बात की जाए तो उज्जैन में जैवलिन थ्रो करने वाले एकमात्र खिलाड़ी विक्रांत ही खेल मैदान में दिखाई देते थे. जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा के अच्छे प्रदर्शन के बाद एक बार फिर खिलाड़ियों को नई दिशा मिली है. जैवलिन थ्रो की तरफ खिलाड़ियों का आकर्षण तेजी से बढ़ गया. अब उज्जैन के महानंदा नगर खेल मैदान पर जैवलिन थ्रो की प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ियों की संख्या बढ़ गई है. इनमें कुछ छात्राएं भी शामिल है. छात्रा काव्या शर्मा ने कहा कि वे 600 मीटर दौड़ के अलावा जैवलिन थ्रो में भी देश का नाम रोशन करना चाहती हैं.
जैवलिन की डिमांड बढ़ी
उन्होंने कहा कि वे नीरज चोपड़ा की तरह नाम कमाना चाहती हैं. एक अन्य खिलाड़ी चंद्रेश ने बताया कि जैवलिन थ्रो में कंपटीशन कम और मेहनत अधिक है. इस खेल के प्रति रुझान इस लिए भी बढ़ा है, क्योंकि यह काफी रोमांच और स्पूर्ति से भरा है.खिलाड़ियों के लिए सामान बेचने वाले राजेश सिंह ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में जैवलिन की बिक्री में उछाल आया है. उज्जैन में खिलाड़ियों के लिए जैवलिन पहले सीमित मात्रा में उपलब्ध रहते थे लेकिन अब अलग-अलग एज ग्रुप के हिसाब से जैवलिन मंगाए जा रहे हैं. जैवलिन थ्रो थोड़ा महंगा खेल है. इसके बावजूद खिलाड़ियों की दिलचस्पी काफी अधिक देखने को मिल रही है.