MP: हजारों साल पुराना खजुराहो पर्यटकों का रहा है फेवरेट, जानिए- कब और कैसे यहां घूमने जाएं?
Khajuraho Tourist Paces: हजारों साल पुराना खजुराहो मंदिर अपनी विशेष नक्काशी और कारीगरी के लिए पूरे दुनिया में मशहूर है, यही वजह है कि यह हमेशा देशी और विदेशी पर्यटकों के आर्षण का केंद्र रहा है.
Khajuraho Temple: मध्य प्रदेश का खजुराहो (Khajuraho) न सिर्फ देश के बल्कि विदेशी पर्यटकों के भी लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशनों में से एक है. यहां के हजारों साल से भी ज्यादा पुराने मंदिरों की शानदार नक्काशी और कारीगरी देशी विदेशी पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं. नवविवाहित जोड़ो के लिए तो यह पसंदीदा हनीमून डेस्टिनेशन है. नए साल का जश्न मनाने के लिए भी खजुराहो शानदार जगह है. अगर आप भी किसी शानदार और यादगार जगह पर नए साल स्वागत करना चाहते है तो खजुराहो के बारे में जरूर सोचिएगा. वैसे, यहां पर्यटकों की भीड़ लगने लगी है.
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो में हिन्दू और जैन धर्म के स्मारकों का एक समूह है. ये स्मारक भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर से लगभग समान दूरी पर है. वहीं, झांसी से इसकी दूरी लगभग 175 किलोमीटर है. इसका शुमार यूनेस्को की विश्व धरोहरों में किया जाता है. यहां के मंदिर नगारा वास्तुकला से स्थापित किये गए, जिसमें ज्यादातर मूर्तियां कामुक कला की है, इसका सीधा अर्थ ये हुआ कि अधिकतर मूर्तियां नग्न अवस्था में स्थापित है.
खजुराहो को लेकर ये है मान्यता
कहा जाता है कि वे मिथुन के रूप हैं और वे दिव्य प्रेम, शिव (पुरुष) और शक्ति (महिला) ऊर्जा के मिलन का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनमें जीवन के विभिन्न कार्यों जैसे लड़ाई, नृत्य, भोजन, शिकार में लगे लोगों की हजारों नक्काशियों को दर्ज किया गया हैं. उन्हें ताजमहल, हम्पी, फतेहपुर सीकरी और अन्य की बराबरी से भारत के शीर्ष आश्चर्यों में से एक माना जाता है.
खजुराहो में 85 मंदिरों में से केवल 25 ही हैं शेष
खहुराहो के ज्यादातर मंदिर चंदेल राजवंश के समय 950 और 1050 ई. के मध्य बनाए गए थे. एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड के अनुसार खजुराहो में कुल 85 मंदिर थे, जो 20 वर्ग किलोमीटर के घेराव में फैले हुए थे. वर्तमान में इनमें से केवल 25 मंदिर ही बचे हैं जो 6 किलोमीटर में फैले हैं. इनमें से कंदरिया महादेव मंदिर सबसे शानदार है.
यहां बता दे कि मंदिर सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुले रहते हैं. मंदिरों के पश्चिमी समूह के लिए प्रवेश शुल्क लगता है. विदेशी पर्यटकों के लिए 500 रुपये और स्थानीय लोगों के लिए 30 रुपये शुल्क रखा गया है. सूर्यास्त के बाद मंदिरों के पश्चिमी समूह में शुल्क देकर शानदार साउंड एंड लाइट शो भी देखा जा सकता हैं.
यहां कैसे पहुंचे?
आप देश के किसी भी मेट्रो सिटी से फ्लाइट के जरिये भोपाल से होकर, फिर सड़क मार्ग से यहा पहुंचा जा सकता है. इसके अलावा दिल्ली या वाराणसी से सीधे खजुराहो के लिए उड़ान भर सकते हैं या ट्रेन ले सकते हैं. यहां के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन खजुराहो है, जहां से दिल्ली, इंदौर, भोपाल के लिए रेल सेवा उपलब्ध है.
घूमने का समय
अप्रैल से जून तक मध्य प्रदेश बेहद गर्म हो जाता है. इसलिए अक्टूबर से मार्च के बीच यहां का मौसम सुहाना रहता है, इस दौरान कभी भी यहां जाना आदर्श रहेगा.
कहां ठहरें?
वैसे तो खजुराहो में कई शानदार फाइव स्टार होटल हैं. इसके अलावा यहां पर्यटकों के बजट के मुताबिक बहुत सारे होटल उपलब्ध है. वहीं सिंगल लोगों के लिए कम बजट में कई सस्ते और अच्छे हॉस्टल भी मौजूद हैं.