Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की एक प्रतिकूल टिप्पणी के बाद अशोकनगर के कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी को पद से हटाया जा सकता है. टीकमगढ़ जिले की बमोरी पंचायत चुनाव में गड़बड़ी के मामले में लगी याचिका पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए तत्कालीन कलेक्टर सुभाष द्विवेदी सहित 4 अधिकारियों को दोषी माना है. 8 नवम्बर 2023 के अपने आदेश में हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल ने यह भी कहा कि भविष्य में इन अधिकारियों की चुनाव ड्यूटी नहीं लगाई जाए.


गौरतलब है कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने जीएडी (GAD) को पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों की जानकारी मांगी है. हाई कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि इन अफसरों और कर्मचारियों ने जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी की थी. कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव में गड़बड़ी के मामले में वर्तमान में अशोक नगर कलेक्टर सुभाष द्विवेदी पद से हटाए जाने के लिए निर्वाचन आयोग सक्रिय हो गया है. तीन अन्य दोषी अधिकारी संयुक्त कलेक्टर, तहसीलदार, अध्यापक भी हटाए जाएंगे.


कलेक्टर पर लगा गड़बड़ी का आरोप


हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि टीकमगढ़ में पंचायत चुनाव के दौरान पदस्थ तत्कालीन जिला निर्वाचन अधिकारी यानि वर्तमान अशोकनगर कलेक्टर कलेक्टर सुभाष द्विवेदी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी और वर्तमान में अनूपपुर के अपर कलेक्टर सीपी पटेल, तत्कालीन,तहसीलदार और वर्तमान में डिप्टी कलेक्टर डिंडौरी आरके तिवारी और सहायक शिक्षक हीरालाल राजपूत की भूमिका इस मामले में दोषपूर्ण रही है.


बता दें कि टीकमगढ़ जिले की बमोरी पंचायत चुनाव में गड़बड़ी को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. आज कोर्ट में आरोप लगाया गया था कि तत्कालीन कलेक्टर सुभाष द्विवेदी सहित चुनाव में लगे तीन अन्य अधिकारियों ने परिणाम को प्रभावित करने के लिए गड़बड़ी की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल ने इन अधिकारियों को दोषी मानते हुए आदेश दिया कि भविष्य में इन अधिकारियों की ड्यूटी किसी भी चुनाव में नहीं लगाई जाए.


क्या है पूरा मामला?


मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सम्पन्न त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन साल 2022 के दौरान जिला टीकमगढ़ की जनपद पंचायत टीकमगढ़, की ग्राम पंचायत बम्हौरी मडिया के सरपंच पद हेतु मतदान केन्द्र क्रमांक - 145 की अभ्यर्थी अहीर राजा बेटी यादव द्वारा मतदान प्रक्रिया में परिलक्षित त्रुटि में शिकायत के आधार पर पुनर्मतदान किए जाने की उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश जबलपुर पीठ में दायर याचिका क्रमांक WP 15558 / 2022 में 08 नवम्बर 2023 को आदेश पारित किया गया है.


आदेश में उल्लेखित है कि अब यह न्यायालय का कर्तव्य है कि वह आयोग को सभी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दे और यह सुनिश्चित करें कि उन्हें भविष्य में कभी भी चुनाव कार्य के लिए प्रतिनियुक्त न किया जाए. 60 दिनों की उपरोक्त अवधि के भीतर इस न्यायालय की रजिस्ट्री के समक्ष रिपोर्ट दाखिल करके दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई को भी रिकॉर्ड में लाया जाए.


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