MP Election 2023: नेताओं को कांग्रेस-बीजेपी से बगावत पड़ेगी महंगी, 6 साल के लिए होंगे बाहर
MP Election 2023 News: बीजेपी-कांग्रेस के कई बागी नेता प्रदेश की अलग-अलग सीटों पर खेल बिगाड़ सकते हैं. यही वजह है कि चुनाव से पहले दोनों दलों ने ऐसे नेताओं के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का फैसला किया है.
MP BJP-Congress Candidate 2023 News : मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में नामांकन वापसी का बृहस्पतिवार (2 नवंबर) को अंतिम दिन है. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही बड़े दलों ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त नेताओं को कड़ा संदेश दिया है. दोनों दलों की तरफ से कहा गया है कि अगर बागियों द्वारा नामांकन वापसी नहीं की गई तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी बागियों को लेकर कड़ी कार्रवाई करने का मन बना चुकी है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के अधिकांश बागियों ने नाम वापस ले लिया है. इसके अलावा कुछ ऐसे भी नेता हैं, जो बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी को समर्थन देने वाले हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इसके बावजूद यदि कोई निर्दलीय चुनाव लड़ता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्हें और उनके समर्थकों को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा. इतना ही नहीं आगे भी वो नेता पार्टी की मुख्य धारा से नहीं जुड़ पाएगा. इस बार भारतीय जनता पार्टी बागियों को लेकर काफी सख्त है.
'बागी कांग्रेस से होंगे 6 साल के लिए बाहर'
प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए जद्दोजेहद में जुटी कांग्रेस ने कड़े फैसले लिए हैं. कांग्रेस ने भी 6 साल के लिए बागियों को बाहर करने का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता के के मिश्रा ने बताया कि उनकी विचारधारा के अधिकांश प्रत्याशी नाम वापसी करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में अगर फिर भी कोई प्रत्याशी नाम वापस नहीं लेगा तो उसे 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा.
कई सीटों पर खेल बिगाड़ रहे हैं बागी
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से बगावत करने वाले कई नेता मध्य प्रदेश की कई विधानसभा सीटों पर पार्टी का खेल बिगाड़ रहे हैं. इसी वजह दोनों ही सियासी दलों ने बागियों पर काबू पाने के लिए उन्हें कड़ा संदेश दिया है. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने बागी नेताओं को 6 साल के लिए बाहर करने का मन बनाया है. इसके अलावा उनके समर्थकों को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
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