MP Election Result 2023: मध्य प्रदेश में BJP को कैसे मिला चुनावी फायदा, ये है 5 बड़ी वजह
MP Election 2023: कहां लोग बीजेपी (BJP) मध्य प्रदेश में हारी हुई पार्टी मानकर चल रहे थे, लेकिन 230 सीटों में 161 पर बीजेपी प्रत्याशी चुनावी रुझान में बढ़त बनाए हुए हैं.
MP Election Result 2023 News: देश के पांच राज्यों में संपन्न विधानसभा चुनाव में से चार राज्यों यानी एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम रुझान सामने आ गए हैं. इनमें एमपी के रुझान चौंकाने वाले हैं. ऐसा इसलिए कि बीजेपी को लोग हारी हुई पार्टी मानकर चल रहे थे, लेकिन 230 सीटों में 161 पर बीजेपी प्रत्याशी चुनावी रुझान में बढ़त बनाए हुए हैं. कांग्रेस के प्रत्याशी सिर्फ 66 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. कांग्रेस को 2018 चुनाव की तुलना में इस बार 48 सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है. फिलहाल, एमपी में BJP अपने दम पर बहुमत में आती दिख रही है. यदि भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार बना लेती है तो इसका सबसे बड़ा श्रेय उनके नेताओं द्वारा किए गए वादों को जाएगा या पार्टी लीडरशिप को, यह एक अहम सवाल और उपयोगी सवाल है.
दरअसल, इस मामले में सियासी जानकारी की राय मिली जुली है. कुछ जानकार सीएम की शुरुआती रुझानों में बीजेपी की बढ़त को बीजेपी नेतृत्व पर भरोसा तो कुछ का कहना है कि यह बीजेपी सरकार की नीतियों का परिणाम है. ओवरआल सियासी विश्लेषकों की राय में एमपी के लोगों ने केंद्र और राज्य के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और सीएम शिवराज सिंह के नेतृत्व को पसंद किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवास योजना, किसान सम्मान निधि योजना, लाड़ली बहन योजना और लाड़ली लक्ष्मी योजना की भी भूमिका नजर आ रही है. इसके अलावा, चुनावी वादों की झड़ी लगाकर बीजेपी फिर सत्ता में वापसी करती नजर आ रही है. एक्सपर्ट के मुताबिक एमपी में बीजेपी की सफलता के लिए पांच वजहों को अहम माना जा सकता है.
1. लाडली बहना योजना
भारतीय जनता पार्टी महिलाओं के लिए नई-नई योजनायें लाती रहती है. इस बार बीजेपी के घोषणा-पत्र में लाड़ली योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक मदद के साथ पक्का मकान देने का वादा किया गया है. उज्ज्वला और लाड़ली बहनों को गैस सिलेंडर 450 रुपये में देने का वादा किया. लाड़ली लक्ष्मियों को पैदा होने से 21 वर्ष तक 2 लाख रुपये देने का भी वादा किया गया.
2. रणनीति का कमाल
बीजेपी ने एमपी को कई जोन में बांटकर पार्ट के कद्दावर नेताओं को उस क्षेत्र में प्रत्याशियों को जिताने की जिम्मेदारी सौंपी. इतना ही नहीं, कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को चुनावी मैदान में उतार दिया. चुनावी घोषणा पत्र में कमलनाथ के वादों को कुंद करने के लिए बीजेपी ने भी महिलाओं से कई वायदे किए. किसानों से फसल का ज्यादा एमएसपी देने और कारोबारियों के नए कॉरिडोर बनाने की घोषणा की.
3. मोदी का मैजिक
भारतीय राजनीति में मोदी मैजिक को लेकर तरह तरह की बातें होती रहती है, लेकिन उसका दूसरा पहलू यह है कि मोदी हर चुनाव में लोगों से कुछ वादा करते हैं और उसे पूरा भी करते हैं. उनकी ऐसी ही योजनाओं में पीएम आवास योजना, किसान सम्मान निधि योजना, स्वरोजगार योजना, उज्जवला योजना, महिलाओं से संबंधित योजना, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की योजना सहित कई अन्य योजनाओं पर मोदी ने जो कहा उस पर अमल भी किया. यही कारण है कि विधानसभा चुनाव में मोदी की गारंटी योजना ने इस बार भी लोगों भरोसे में लेने में सफल रहा. फिर पीएम मोदी ने एमपी में 15 ताबड़तोड़ रैलियों और ‘मोदी गारंटी’ का एलान रक जीत का रास्ता साफ कर दिया.
4. सिंधिया के आने का फायदा
साल 2018 में कांग्रेस ने बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले ग्वालियर-चंबल संभाग की 34 में से 26 सीटें जीत कर मध्य प्रदेश की सत्ता हासिल की थी. कांग्रेस को ये सीटें युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के दम पर मिली थी. इस बार सिंधिया बीजेपी की ओर से चुनावी मैदान उतरे, जिसका लाभ भी बीजेपी को मिलता दिखाई दे रहा है. इस क्षेत्र की कई सीटें जिन पर बीजेपी पहले हा गई थी, उस पर बीजेपी के प्रत्याशी इस बार बढ़त बनाए हुए हैं. इसके अलावा, एमपी के युवाओं को बीजेपी से जोड़ने में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अहम भूमिका निभाई. साथ ही कांग्रेस की रणनति को कुंद भी किया.
5. पार्टी के सिंबल पर लोगों का भरोसा
जानकारों का कहना है कि बीजेपी के सिंबल पर भी लोगों का भरोसा अभी कायम है. बीजेपी के खिलाफ जितनी बातें की जाती हैं, लोगों में उसका असर उतना नहीं है. अगर असर होता तो बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ता, पर ऐसा नहीं हुआ. साफ है, बीजेपी के विरोधी भले ही उसके खिलाफ सत्ता विरोधी लहर की बात करें, लेकिन चुनाव रुझानों में दिखाई नहीं दे रहा. इसके अलावा, सीएम शिवराज सिंह चौहान की ओर से 12वीं कक्षा तक प्रत्येक स्कूली छात्र को निःशुल्क शिक्षा, एसटी ब्लॉक में एकलव्य विद्यालय, 100 यूनिट बिजली सिर्फ 100 रुपये में देने का वादा, आदिवासी बाहुल्य जिलों में मेडिकल कॉलेज,सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील के साथ पौष्टिक नाश्ता, स्वास्थ्य क्षेत्र में हाई-टेक अस्पताल बनाने के लिए 20,000 करोड़ रुपये का निवेश, आईसीयू में बिस्तरों की संख्या दोगुनी करने, लोकसभा सीट पर मेडिकल कॉलेज स्थापित करना और 5 वर्षों में 2,000 अतिरिक्त सीटें जोड़ना, राज्य में मुख्यमंत्री जन आवास योजना शुरू करने जैसी योजनाओं ने भी जीत में अहम भूमिका निभाई.